कोरिया। छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के पुलिस अधीक्षक चंद्र मोहन ने कहा है कि जिले के सभी पुलिस स्टेशनों को बाल अनुकूल बनाया जाएगा. झगराखंड के इस बाल-सुलभ पुलिस स्टेशन के बारे में उन्होंने कहा कि पुलिस स्टेशन में बच्चों के मनोरंजन के लिए अलग स्थान है और साथ ही एक नामित बाल कल्याण अधिकारी भी नियुक्त किये गए हैं. इसके अलावा बच्चे से संबंधित अपराधों के नियंत्रण के लिए सिविल ड्रेस में एक महिला कर्मचारी भी नियुक्त की गयीं हैं और सभी अधिकारीयों का व्यवहार बाल-अनुकूल है. पुलिस स्टेशन ने लंबित मामलों की दर को घटाकर 1.2 प्रतिशत कर दिया है और जिले में 97 प्रतिशत लापता बच्चों को खोजने और बच्चों के खिलाफ अपराध को कम करने में सफलता हासिल की है. चंद्र मोहन ने कहा कि जिले के शेष 11 पुलिस स्टेशनों को भी बाल अनुकूल बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि जिले में अभिनव छात्र पुलिस कैडेट कार्यक्रम जल्द ही शुरू किया जाएगा.

इस अवसर पर यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के प्रमुख जॉब ज़करिया ने कहा कि बाल अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित सभी मामलों में पुलिस संपर्क का पहला बिंदु होता है और इसलिए वे बाल विवाह, बाल श्रम, बाल यौन शोषण, बाल तस्करी और बच्चों के खिलाफ हिंसा को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. इस पहल से पुलिस और समुदाय के बीच बेहतर तालमेल बनेगा.

पुलिस स्टेशनों में बाल-सुलभ वातावरण विकसित करना और उन्हें सुरक्षित महसूस करवाना इस अभिनव ‘बाल-सुलभ पुलिस’ पहल का मुख्य उद्देश्य है. इस पहल के तहत, पुलिस स्कूलों का दौरा करेगी और बच्चों के साथ बातचीत कर उनकी शिकायतों को सुनेगी. पुलिस के कार्यों और भूमिकाओं के बारे में बेहतर जानकारी देने के लिए बच्चों को पुलिस स्टेशन का दौरा करवाया जाएगा.

झगराखंड पुलिस स्टेशन के एसएचओ विजय सिंह ने कहा कि इस पहल से हमें महिलाओं और बच्चों को सहज और सुरक्षित महसूस करवाने में और उन्हें पुलिस से मदद लेने के लिए प्रोत्साहित करने में मदद मिली है. यहाँ के पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी संवेदनशील रूप से महिलाओं और बच्चों की शिकायतों का समाधान करने में सक्षम हैं.