फीचर स्टोरी । छत्तीसगढ़ में अब नवा छत्तीसगढ़ दिख रहा है. छत्तीसगढ़ अब खुद को नए रूप में लिख रहा है. छत्तीसगढ़ अब पहले से और सुंदर दिख रहा है. छत्तीसगढ़ में गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का सपना साकार हो रहा है. छत्तीसगढ़ देश-दुनिया में जगमगाता संसार हो रहा है. छत्तीसगढ़ में हर मोर्चे पर दिखता नवा सुराज है. छत्तीसगढ़ के माथे सजता स्वच्छता का ताज है. छत्तीसगढ़ में दिखता छत्तीसगढ़िया राज है. ये छत्तीसगढ़ आज है.

आज के छत्तीसगढ़ में अनगिनत चुनौतियों के बीच उपलब्धियों का अंबार है. छत्तीसगढ़ ने बीते 3 साल में हर मोर्चे पर खुद को साबित किया है. अग्रणी राज्यों की श्रेणी छत्तीसगढ़ खड़ा रहा है. कोरोना का तकरीबन दो साल कठिन समय रहने के बाद भी छत्तीसगढ़ न सिर्फ मजबूती से खुद खड़ा रखा, बल्कि नवा छत्तीसगढ़ को गढ़ने की दिशा में तेजी से आगे भी बढ़ा. नतीजा यह रहा है कि कोविड-19, महंगाई और मंदी जैसे संघर्षपूर्ण हालात में छत्तीसगढ़ कमजोर नहीं पड़ा. छत्तीसगढ़ धान, खान के मामले में तो नवंबर रहा ही है. अब छत्तीसगढ़ वनोपज, मनरेगा, रोजागर, गौसरंक्षण, खेती में नवाचार, शिक्षा में नवाचार जैसे कार्यों में अग्रणी राज्यों में है. लेकिन इस रिपोर्ट में चर्चा छत्तीसगढ़ के लगातार तीसरी बार स्वच्छतम राज्य बनने पर.

दिसंबर साल 2018 में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी. सरकार के मुखिया बने भूपेश बघेल. भूपेश बघेल के सामने छत्तीसगढ़ को विकासशील राज्यों की श्रेणी में सबसे आगे ले जाने की चुनौतियाँ रही. सरकार के सामने किसानों की समस्या और खेती में तरक्की की चुनौतियाँ रही. सरकार के सामने छत्तीसगढ़ में पुरखों के सपने को साकार करने की चुनौतियाँ रही. इन चुनौतियों के बीच छत्तीसगढ़ सरकार ने नारा दिया- ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’. इस नारे को साकार करने की दिशा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नई सोच के साथ, नवाचार के साथ आगे बढ़े. उन्होंने सबसे पहले ग्रामीण अर्थवस्था को मजबूत किया. नतीजा यह रहा कि आज छत्तीसगढ़ में आर्थिक मंदी नहीं है. लेकिन आर्थिक मजबूती के बीच सरकार ने जो काम स्वच्छता के क्षेत्र में किया, उस काम ने आज विकसित राज्यों को पीछे छोड़ दिया है.

भारत सरकार ने स्वच्छता को लेकर नारा दिया था- ‘एक कदम स्वच्छता की ओर’. छत्तीसगढ़ ने इस नारे को राज्य में इस तरह साकार किया कि आज एक कदम नहीं, छत्तीसगढ़ तीन कदम आगे निकल चुका है. छत्तीसगढ़ ने लगातार तीसरी बार स्वच्छता राज्य का खिताब हासिल कर यह बताया कि राज्य सरकार किस तरह से नई ऊर्जा के साथ, नई सोच के साथ काम कर रही है. जिस छत्तीसगढ़ को लेकर यह माना जाता यह राज्य गरीब और पिछड़े लोगों का राज्य है, उसी छत्तीसगढ़ के हिस्से उपलब्धियाँ ही उपलब्धियाँ है. और विभिन्न क्षेत्रों में लगातार उपलब्धियों के क्रम को जारी रखते हुए छत्तीसगढ़ ने स्वच्छता के मामले में भी बड़ी उपलब्धि अपने नाम की है. वर्ष 2019 और वर्ष 2020 के बाद लगातार तीसरी बार छत्तीसगढ़ ने स्वच्छता में अव्वल होने का गौरव हासिल किया है.

छत्तीसगढ़ को यह गौरव सफाई मित्र की सुरक्षा चुनौती-2021 क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन प्राप्त हुआ है. छत्तीसगढ़ को विभिन्न श्रेणियों में दिए जाने वाले 239 पुरस्कारों में से सर्वाधिक 67 निकायों को पुरस्कार प्राप्त हुए. इन पुरस्कारों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा 20 नवंबर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में प्रदान किया गया. छत्तीसगढ़ की ओर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रपति कोविंद के हाथों स्वच्छतम् राज्य का अवार्ड ग्रहण किया. इस समारोह में आवासन और शहरी कार्य मंत्री हरदीप पुरी, राज्य मंत्री कौशल किशोर मौजूद थे. यह आयोजन भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के भाग के रूप में किया गया था. स्वच्छ राज्यों में अग्रणी रहने पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके लिए राज्य की जनता को श्रेय दिया है.

पुरस्कार छत्तीसगढ़ के लोगों की जागरुकता और सजगता का परिणाम – भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ को लगातार तीसरी बार पुरस्कार मिलने से पूरा छत्तीसगढ़ का खुश है. समूचे छत्तीसगढ़ के लोगों की जागरुकता और सजगता का यह परिणाम है कि राज्य ने देश के अन्य राज्यों को पीछे छोड़ दिया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि मैं विशेष रूप से राज्य की महिलाओं को इसका श्रेय देना चाहूँगा. छत्तीसगढ़ के लोगों ने शहरों से लेकर गाँवों तक स्वच्छता की एक नई संस्कृति का निर्माण किया है. राज्य में सुराजी योजना के तहत महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की अवधारणा पर काम किया जा रहा है. पूरे राज्य में 9 हजार से अधिक स्वच्छता दीदी स्वच्छ छत्तीसगढ़ पर काम कर रही हैं. स्वच्छता दीदी घर-घर से 16 सौ टन गीला एवं सूखा कचरा एकत्रीकरण करते हुए वैज्ञानिक रीति से कचरे का निपटान किया जा रहा है. इसी का ही परिणाम है कि भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को देश का प्रथम ओडीएफ प्लस-प्लस घोषित किया गया है.

जानिए क्यों मिला छत्तीसगढ़ को ये पुरस्कार

भारत सरकार की ओर से एक रैंकिंग तैयारी की जाती है. रैंकिंग विभिन्न श्रेणियों में दी जाती है. रैंकिंग के लिए केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से देश के सभी शहरों एवं राज्यों के मध्य स्वच्छ सर्वेक्षण कराया जाता है.

सर्वेक्षण के लिए कई मापदंड तैयार किए गए हैं जैसे-

  • घर-घर से कचरा एकत्रीकरण
  • कचरे का वैज्ञानिक रीति से निपटान
  • खुले में शौच मुक्त शहर
  • कचरा मुक्त शहर जैसी श्रेणियां शामिल हैं

इन श्रेणियों का आंकलन कर रैंकिग तैयार की जाती है. श्रेणी के आधार उत्कृष्ट राज्यों को पुरस्कार दिया जाता है. छत्तीसगढ़ को इन श्रेणियों में देश भर में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने के लिए 2019, 2020 की तरह ही इस वर्ष 2021 का पुरस्कार दिया गया है. दिल्ली में राष्ट्रपति के हाथों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह पुरस्कार नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया सहित विभिन्न अधिकारियों के साथ प्राप्त किया.

छत्तीसगढ़ को इन श्रेणियों में मिले पुरस्कार

  • एक ओर जहां छत्तीसगढ़ को बेस्ट स्टेट का अवार्ड मिला तो वहीं छत्तीसगढ़ के 67 निकायों को विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार मिले.
  • अंबिकापुर को सेल्फ सस्टेनेबल स्माल सिटी (एक लाख से तीन लाख आबादी में श्रेणी द्वितीय)
  • रायपुर को फास्टर मूवर स्टेट कैपिटल, भिलाई-चरोदा को क्लीनेस्ट सिटी (50 हजार से एक लाख आबादी में श्रेणी प्रथम)
  • बीरगांव को इनोवेशन एंड बेस्ट प्रैक्टिसेस (50 हजार से एक लाख आबादी में श्रेणी चौथा स्थान)
  • चिरमिरी को बेस्ट सेल्फ सस्टेनेबल सिटी, भाटापारा को फास्टेस्ट मूवर सिटी (50 हजार से एक लाख आबादी में श्रेणी द्वितीय)
  • कवर्धा को क्लीनेस्ट सिटी (25 हजार से 50 हजार आबादी में श्रेणी प्रथम)
  • बेमेतरा को इनोवेशन एंड बेस्ट प्रैक्टिसेस, जशपुर नगर को बेस्ट सेल्फ सस्टेनेबल सिटी (25 हजार से 50 हजार आबादी में श्रेणी द्वितीय)
  • दीपिका को फास्टेस्ट मूवर सिटी (25 हजार से 50 हजार आबादी में श्रेणी तृतीय)
  • पाटन को क्लीनेस्ट सिटी (25 हजार से कम आबादी में श्रेणी प्रथम)
  • दोरनापाल को बेस्ट सिटी इन सिटीजन फीडबैक
  • चंद्रपुर को इनोवेशन एंड बेस्ट प्रैक्टिसेस
  • उतई को बेस्ट सेल्फ सस्टेनेबल सिटी (25 हजार से कम आबादी में श्रेणी पांचवा स्थान) एवं अभनपुर को फास्टेस्ट मूवर सिटी (25 हजार से कम आबादी की श्रेणी) में पुरस्कार प्रदान किए गए हैं.
  • स्टार कैटेगरी में 46 शहर शामिल

स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान रैंकिंग के आधार पर शहरों को तीन और पांच सितारा (3 एंड 5 स्टार कैटेगरी) श्रेणी में भी रखा गया है. इसमें छत्तीसगढ़ के दो शहर अंबिकापुर और पाटन को पांच सितारा श्रेणी में शामिल किया गया है तो वहीं 44 अन्य शहरों को 3 सितारा रैंकिंग दी गई है.

छत्तीसगढ़ ने 6-आर (6-R) पॉलिसी पर किया काम

स्वच्छता के लिए काम करने के दौरान छत्तीसगढ़ ने जहां स्वच्छता अभियान को नरवा, गरुवा, घुरवा और बारी जैसी महत्वाकांक्षी योजना से जोड़ा तो वहीं 6-आर (6-R) पॉलिसी को अपनाया. छत्तीसगढ़ में 6-आर (6-R) पालिसी के लिए रीथिंक, रियूज, रिसाइकिल, रिपेयर, रिड्यूस और रिफ्यूज को आधार बनाकर काम किया गया. इसका परिणाम यह रहा कि अपशिष्ट बनने की मात्रा में कमी हुई और अपशिष्टों को उचित प्रबंधन हुआ. दूसरी ओर सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालय बनाए गए, जिससे ओडीएफ में भी मदद मिली. इधर गोधन न्याय योजना भी ग्रामीण के साथ शहरी क्षेत्रों में सफाई के साथ आमदनी बढ़ाने में मददगार बनी.