चंडीगढ़. पंजाब सरकार ने 10-11 जुलाई को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया है। इस सत्र में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के खिलाफ सख्त कानून लाने और नशा तस्करी पर कड़ा कदम उठाने की तैयारी है। इसके अलावा, सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर मुद्दे पर भी चर्चा होने की संभावना है। कैबिनेट बैठक में नशा तस्करी पर जोर 7 जुलाई को सुबह 10:30 बजे मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक होगी, जिसमें नशा तस्करी का मुद्दा प्रमुख रहेगा।

पंजाब सरकार ‘ड्रग फ्री पंजाब’ मुहिम के तहत डी-एडिक्शन क्लीनिक, रिहैबिलिटेशन सेंटर और नशा तस्करी रोकने के लिए सख्त नियम लागू करने की योजना बना रही है। ‘युद्ध नशे के खिलाफ’ अभियान के तहत सरकार पहले से ही कड़े कदम उठा रही है।

SYL नहर विवाद पर पंजाब-हरियाणा आमने-सामने

9 जुलाई को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल की अध्यक्षता में पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों की बैठक होगी। यह बैठक SYL नहर विवाद को सुलझाने के लिए बुलाई गई है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद यह कदम उठाया गया है, हालांकि पहले भी इस मुद्दे पर कई बैठकें बेनतीजा रही हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्पष्ट किया है कि पंजाब में पानी का संकट है और वह हरियाणा को पानी नहीं दे सकता। SYL विवाद 1981 का है, जब दोनों राज्यों के बीच पानी बंटवारे का समझौता हुआ था। इसके तहत 214 किलोमीटर लंबी नहर बनाने की योजना थी, जिसमें 112 किलोमीटर पंजाब और 92 किलोमीटर हरियाणा में बननी थी। हरियाणा ने अपनी हिस्से की नहर बना ली, लेकिन पंजाब ने 1982 के बाद इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल रखा है।

बेअदबी रोकने के लिए सख्त कानून

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में सर्व धर्म बेअदबी रोकथाम कानून मोर्चा के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। उन्होंने कहा कि पंजाब संतों और पैगंबरों की पवित्र भूमि है, जहां प्रेम और सहिष्णुता का संदेश दिया गया। सरकार धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के मामलों में सख्त सजा सुनिश्चित करने के लिए नया कानून लाएगी। मौजूदा कानून की कमियों पर चिंता जताते हुए सीएम ने कहा कि यह दोषियों को खुलेआम घूमने की इजाजत देता है, जो अस्वीकार्य है। इसके लिए कानूनी विशेषज्ञों की सलाह ली जाएगी ताकि सजा को और सख्त किया जा सके।