रायपुर। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर आहुत विधानसभा के विशेष सत्र में चर्चा नाथूराम गोडसे पर केंद्रित हो गई. कांग्रेस विधायक ने सदन में गोडसे मुर्दाबाद के नारे लगाए. स्थिति यहां तक पहुंच गई कि सदन में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक को आसंदी से कहना पड़ा कि गोडसे पर जिस तरह से चर्चा हो रही है क्यों न एक विशेष सत्र बुलाकर इस पर चर्चा कराई जाए.

इसके पहले भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि सदन के नेता ने ही गोडसे पर बयान देकर चर्चा का विषय बदल दिया. सदन में आप बार-बार गोडसे को लेकर बात कर रहे हैं.  गोडसे को फांसी हुई. यदि उस घटना में गांधी जी बच जाते तो गोडसे के प्रति वह दया का भाव रखते. बल्कि गांधी जी को लेकर उनके बेटे भी नाराज रहते थे कि गांधी परिवार पर ध्यान नहीं देते हैं. लेकिन आज गांधी के नाम पर राजनीति करने वाले उनकी विचारधारा को कितना मानते हैं.

शर्मा ने कहा कि कल विधानसभा में नाटक के मंचन में यह कहा गया कि यदि गांधी मरते हैं तो मर जाए. आजादी के तत्काल बाद जो सरकार बनी उसमें गांधी के विचारों का, उनकी भावनाओं का कभी ध्यान नहीं दिया गया. विनोबा जी ने जब नेहरू को सूचना दी थी तब नेहरू ने उनसे कहा था कि दिल्ली आकर योजना आयोग को इस बारे में बताए. दिल्ली आकर उन्होंने अन्न की चिंता करने का सुझाव दिया. परिणाम क्या हुआ ये सबके सामने है. लाल बहादुर शास्त्री को देश की जनता ने सप्ताह में एक बार उपवास रखने का आग्रह करना पड़ा.

उन्होंने कहा कि स्वच्छता, शिक्षा के लिए जो काम प्रधानमंत्री ने किया है. वह गांधी के विचारों को आगे बढ़ाने जैसा है. गांधी जी कहते थे संवाद हमेशा बने रहना चाहिए. उन्होंने हिटलर और मुसोलिनी को भी चिट्ठी लिखी थी. आरएसएस के कार्यक्रम में भी गांधी गए थे. गांधी ने इस बात की प्रशंसा की थी कि शाखा में लोग एक दूसरे की जाति को नहीं जानते हैं. अस्पृश्यता के इस भाव को उन्होंने सराहा था. संघ की शाखा में प्रातः स्मरण में महात्मा गांधी और भीमराव अम्बेडकर को भी याद किया जाता है.

भाजपा विधायक ने कहा कि इस सरकार का मंत्री बच्चों के बीच जाकर कहता है कि बड़ा आदमी बनना है तो कलेक्टर-एसपी को जूता मारो. ये कैसी विचारधारा है. क्या ये गांधी को मारने वाले लोग है. गांधी असहयोग आंदोलन की बात करते थे, कभी कॉलर पकड़ने और जूता मारने की बात नहीं करते थे. इस टिप्पणी पर बृहस्पति सिंह ने कहा कि गोडसे के लोग ऐसी बातें करते हैं. आप गोडसे से प्रभावित लोग हैं. इस पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने आसंदी से कहा कि गोडसे पर जिस तरह से चर्चा हो रही है क्यों न एक विशेष सत्र बुलाकर इस पर चर्चा कराई जाए. बृहस्पति सिंह ने सदन में गोडसे मुर्दाबाद के नारे लगाए.

शर्मा ने कहा कि गांधी जी ने कांग्रेस को समाप्त करने की मांग की थी. सिर्फ वोट माँगने के लिए गांधी के नाम का इस्तेमाल करते हैं. सिखों का देश में कत्लेआम किया था. तब आपकी सरकार थी. गांधी के नाम पर राजनीति करने की बजाय गांधी के विचारों पर राजनीति करनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने राष्ट्रवाद की चर्चा की थी. हम सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की चर्चा करते हैं. गांधी जी जिस राष्ट्रवाद की बात करते थे उसे सही मायने में बीजेपी और आरएसएस ने स्वीकार किया है.

गांधी जी ने जिस राष्ट्रवाद की बात की थी उसमें धर्म, जाति का जिक्र नहीं था. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि इस देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है. जाति आधार पर देश को तोड़ने का काम कांग्रेस ने किया है. अमरजीत भगत ने सदन में पूछा कि ये चिन्मयानंद आपकी पार्टी के सांसद है ना? शिवरतन शर्मा ने कहा हाँ वो अभिषेक मनु सिंघवी के मित्र थे.