पुरी. नवरात्र और दुर्गा पूजा से पूर्व शुक्रवार को मूलाष्टमी तिथि में श्रीमंदिर परिसर में मां बिमला मंदिर में विशेष षोडशोपचार पूजा शुरू हो गई है. इसके साथ जगत जननी मां बिमला के आवाह्न के लिए उन्हें सहस्र कुंभ स्नान कराया गया.
इस विशेष अनुष्ठान के लिए पुरी गजपति महाराजा दिब्य सिंह देव ने अपने महल में 21 विद्वान ब्राह्मणों को बुलाया था. ब्राह्मणों ने गजपित को षोडशोपचार पूजा संपन्न कराने के लिए कहा. इनमें से एक भुवनेश्वर के लिंगराज मंदिर के पुजारी भी हैं.
परंपरा के अनुसार, गजपति महाराज इन ब्राह्मणों को मंदिर के अंदर देवी बिमला की षोडश उपचार पूजा का काम सौंपते हैं.
श्रीमंदिर मुक्ति मंडप के कार्यकारी अध्यक्ष विश्वनाथ मिश्रा ने कहा, परंपरा के अनुसार पूरी दुनिया को सभी खतरों से बचाने के लिए और सभी की मंगल कामना के लिए बिमला पीठ में चंडी पाठ के साथ षोडश उपाचार पूजा की जाती है.
उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि हम देवी को प्रसन्न कर सकेंगे, जिससे प्राकृतिक आपदाओं या अकाल का कोई खतरा न हो और हर जगह समृद्धि होगी.