नई दिल्ली. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को दुनियाभर में मनाया जाता है. यह दिन महिलाओं के लिए लैंगिक समानता की आवाज उठाने के मकसद से मनाया जाता है. इस दिन उन महिलाओं को और उनके योगदान को याद किया जाता है जिन्होंने अपने क्षेत्र में बेहतरीन योगदान दिया है. इस साल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2019 की थीम ‘बैलेंस फॉर बैटर’ रखी गई है.
‘बैलेंस फॉर बैटर थीम महिलाओं को अपनी लड़ाई खुद लड़ने के लिए प्रोत्साहित करती है. लैंगिक समानता की बात करें, तो 2017 में आई वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में कहा गया था कि महिला और पुरुष के बीच लैंगिक असमानता को खत्म करने में अभी 100 साल और लगेंगे.
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरूआत
कहा जाता है कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरूआत तब हुई जब 1857 में न्यूयॉर्क शहर में पोशाक बनाने वाले एक कारखाने की महिलाएं अपने समान अधिकारों, काम करने की अवधि में कमी, कार्य अवस्था में सुधार की मांग करते हुए जुलूस निकाल कर सड़कों पर उतर आई थीं. अमेरिका में सबसे पहले महिला दिवस 28 फरवरी 1909 को सोशलिस्ट पार्टी के आह्वान पर मनाया गया. बताया जाता है कि करीब 15 हजार महिलाओं ने 1908 में मिलकर मार्च निकाला था. महिलाओं ने यह मार्च न्यूयॉर्क में वोटिंग के अधिकार, बेहरत तनख्वाह और काम करने की नियमति अवधि को लेकर निकला था.
1911 में पहली बार ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में इसे मनाया गया. 1913 में इसे बदलकर 8 मार्च कर दिया गया. इसका उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना था. हालांकि साल 2019 में हम 107वां अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मना रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र ने दी मान्यता
साल 1975 में संयुक्त राष्ट्र ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को मान्यता दी. यूएन से आधिकारिक रूप से मान्यता मिलने के बाद महिला दिवस को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाने की शुरूआत हुई. तब से इसे वार्षिक तौर पर एक थीम के साथ मनाना शुरू किया गया.