फीचर स्टोरी। छत्तीसगढ़ के बस्तर में भूपेश सरकार निरंतर खुशियों का सवेरा ला रही है. अपने विकासकार्यों से ग्रामीणों की जिंदगी खुशहाल कर रही है. इसी कड़ी हम आपके बीच एक ऐसी कहानी लेकर आए हैं, जहां बघेल सरकार की सौर सुजला योजना ने मालती बाई की तकदीर बदल दी है. मालती की जिंदगी में नया सवेरा लौट आया है. अब सरकारी योजना से लाभ लेकर अपनी जिंदगी खुशहाल बना रही है.

सोलर पंप लगाकर खेतों की सिंचाई

दरअसल, जिले में छत्तीसगढ़ अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) विभाग द्वारा प्राप्त सोलर पम्पों से सिंचाई आसान हुई है. जिले के सैकड़ों किसान अपने खेतों में सौर ऊर्जा से सोलर पंप लगाकर खेतों की सिंचाई कर रहे हैं. इन सुदूर वनांचल क्षेत्रों में सोलर पंप स्थापित होने से कृषकों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है.

रियायती दरों पर सिंचाई पंप कृषकों को प्रदान

राज्य सरकार के कृषि विभाग व क्रेडा की ओर से रियायती दरों पर सिंचाई पंप कृषकों को प्रदान की जाती है. ऐसे अनेकों गांव और खेत खलिहान में सोलर पंप लगाने में प्राथमिकता दी जा रही है, जहां बिजली पोल पहुंच पाना संभव नहीं हैं. सुदूर वनांचल क्षेत्रों के किसानों के लिए सौर सुजला योजना परिणाम मूलक साबित हो रही है.

सिंचाई का साधन नहीं होने से थी मायूस

भानुप्रतापपुर विकासखण्ड के ग्राम कुंआपानी निवासी मालती बाई धनेलिया ने बताया कि पहले सिंचाई का साधन नहीं होने के कारण वह मानसून पर निर्भर रहते थे, समय पर बारिश नहीं हुई तो फसल बर्बाद हो जाती थी.

खेतों में दलहन, तिलहन की खेती कर अच्छी आमदनी

अब वह अपने खेत में 03 हार्स पावर का सोलर पंप स्थापित किया है. सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होने से अपने खेतों में दलहन, तिलहन की खेती कर अच्छी आमदनी प्राप्त कर रही है.

50-60 हजार रूपये की हो रही कमाई

साथ ही अपने निजी तालाब में मछली पालन कर 50-60 हजार रूपये प्रतिवर्ष कमाई हो रही है. सौर सुजला योजना मालतीबाई की तकदीर बदली है. भानुप्रतापपुर क्षेत्र के किसानों की दशा और दिशा बदलने में अब सौर सुजला योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.

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