Sphatik Mala Benefits : हिन्दू धर्म में कई तरह की मालाओं का वर्णन मिलता है, जैसे कि तुलसी की माला, कमलगट्टे की माला, चंदन की माला आदि. इन्हीं में से एक है मणि की माला. मणि माला को स्फटिक के नाम से भी जाना जाता है. स्फटिक माला में साक्षात भगवान का वास होता है. आज हम आपको इस माला को धारण करने के  बारे में बहुत कुछ दिलचस्प बाते बताएंगे.

स्फटिक की माला सेहत के लिए वरदान मानी जाती है. साथ ही, इस माला से जाप करने से सिद्धियों की प्राप्ति होती है और व्यक्ति में अलग सी ऊर्जा जन्म लेती है. आइए जानते हैं किस तरह से इसे धारण किया जा सकता है.

  • स्फटिक की माला को धार्मिक दृष्टि से शुद्ध और शीतवयी माना जाता है. मान्यता है कि कि इस माला (Sphatik Mala Benefits) पर किया गया कोई भी मंत्र जाप शीघ्र सिद्ध हो जाता है साथ ही, उस मंत्र से जुड़े भगवान का वास भी साक्षात घर में बना रहता है.
  • स्फटिक की माला को असाधारण और विशेष फलदायी माना गया है. कहा जाता है कि इस माला पर खासतौर से अगर लक्ष्मी, सरस्वती, दुर्गा और गायत्री मंत्र का जाप किया जाए तो जीवन में सुख, समृद्धि, ज्ञान और संपन्नता सदैव बनी रहती है.
  • सबसे अच्छी बात यह है कि इस माला पर जाप करने या इस माला को धारण करने के कोई नियम नहीं हैं. हालांकि ज्योतिष में ऐसा कहा गया अहै कि ग्रहों के दुष्प्रभाव से बचने के लिए अगर स्फटिक की माला धारण करना चाहते हैं तो 109 दाने वाली ही करें.
  • स्फटिक धारण करने से चेतना शांत होती है, मन में धैर्य जन्म लेता है और व्यक्ति में विवेक का संचार होता है. चूंकि स्फटिक पहाड़ों में पाया जाता है इसी कारण से इससे बनने वाली माला शीत होती है यानी कि ठंडी होती है अर्थात शीतलता का गुण लिए होती है.
  • ऐसे में अगर स्फटिक की माला को धारण किया जाए तो इसके कई स्वास्थ लाभ भी मिलते हैं. स्फटिक की माला धारण करने से शरीर की गर्मी खत्म होती है. मानसिक और शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिल जाती है. साथ ही, यह व्यक्ति के गुस्से को भी नियंत्रित रखती है.