नई दिल्ली। भारतीय हॉकी टीम ने पोलैंड को 6-4 से हराकर एफआईएच हॉकी फाइव्स खिताब पर कब्जा कर लिया है. स्विटजरलैंड में आयोजित प्रतियोगिता में भारतीय मेंस हॉकी टीम ने जहां खिताब जीता, वहीं भारतीय महिला टीम फाइनल में जगह बनाने से चूक गई. भारतीय मेंस टीम ने इस टूर्नामेंट में अजेय रहते हुए खिताब पर कब्जा जमाया है.

भारत ने फाइनल मैच में जबर्दस्त वापसी करते हुए खिताबी जीत दर्ज की. मैच के पहले पांच मिनट के अंदर भारतीय टीम 0-3 से पिछड़ चुकी थी. रविवार को उसने पहले मलेशिया को 7-3 से हराया, जिसमें चार गोल दूसरे हाफ में हुए और फिर दिन के दूसरे मैच में पोलैंड को 6-2 से शिकस्त दी. कोच ग्राहम रीड की टीम इस तरह राउंड रॉबिन लीग राउंड में 10 प्वॉइंट्स से पांच टीम के प्वॉइंट्स टेबल में टॉप पर रही, जिसमें उसने तीन जीत दर्ज की और एक ड्रॉ खेला.

पोलैंड छह प्वॉइंट्स के साथ प्वॉइंट्स टेबल में दूसरे पायदान पर था. पाकिस्तान फाइनल के लिए क्वालीफाई कर सकता था, अगर वह अपने अंतिम लीग मैच में मलेशिया के खिलाफ जीत हासिल कर लेता, लेकिन यह 5-5 से ड्रॉ रहा. इससे उसके पांच प्वॉइंट्स रहे और वह तीसरे स्थान पर रहा.

हॉकी फाइव के अनोखे नियम

हॉकी फाइव (Hockey 5) को सबसे पहले 2013 में शुरू किया गया, और 2014 में चीन में हुए युवा ओलिंपिक में पहली बार इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेला गया. इस प्रारूप में मैदान नियमित मैदान से आधा होता है. एफआईएच के नियमों के अनुसार, अधिकतम आकार 55 मीटर गुणा 42 मीटर और न्यूनतम 40 मीटर गुणा 28 मीटर हो सकता है. इस प्रारूप में कोई डी नहीं होता है. हॉकी फाइव में टीमें कहीं से भी गोल कर सकती हैं, जबकि पारंपरिक हॉकी में डी के भीतर जाकर गोल करना होता है.

मैदान में होते हैं पांच खिलाड़ी

इसमें हर टीम में एक समय मैदान पर पांच खिलाड़ी होते हैं, जिसमें गोलकीपर शामिल है और चार स्थानापन्न खिलाड़ी उतारे जा सकते हैं. हॉकी फाइव में पेनल्टी कॉर्नर नहीं होता, लेकिन टीम फाउल होने पर उसे चुनौती दे सकती है और उसकी मांग स्वीकार होने पर विरोधी गोलकीपर के आमने सामने शूटआउट का मौका मिलता है. हॉकी फाइव मैच 20 मिनट का होता है जो दस दस मिनट के दो हाफ में होता है.