परवेज आलम/बगहा। भारत–नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित बगहा में सशस्त्र सीमा बल (SSB) का 62वां स्थापना दिवस आज उत्साह, अनुशासन और गरिमा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर एसएसबी की 21वीं वाहिनी (मंगलपुर) और 65वीं वाहिनी (बेतिया) के मुख्यालयों में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए गए।

राष्ट्रगान और दीप प्रज्वलन से हुई शुरुआत

दोनों ही वाहिनियों में स्थापना दिवस समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन और राष्ट्रगान के साथ की गई। कार्यक्रम में एसएसबी की गौरवशाली परंपराओं, शहीदों के बलिदान और देश की सीमाओं की सुरक्षा में बल की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला गया।

मीडिया कर्मियों का किया गया सम्मान

एसएसबी 65वीं वाहिनी बेतिया मुख्यालय में कमांडेंट नंदन सिंह मेहरा के नेतृत्व में मीडिया कर्मियों को सम्मानित किया गया। इस दौरान सेनानायक नंदन सिंह मेहरा ने मीडिया के सामाजिक दायित्वों की सराहना करते हुए प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों को प्रशंसा प्रमाण पत्र एवं अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया।

जनसेवा और प्रशिक्षण पर दिया गया जोर

कमांडेंट नंदन सिंह मेहरा ने जवानों की कर्तव्यनिष्ठा, साहस और जनसेवा भावना की सराहना करते हुए प्रशिक्षण के महत्व पर विशेष बल दिया। उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में नागरिक कल्याण से जुड़े कार्यक्रम आगे भी जारी रखने का भरोसा दिलाया।

बच्चों और कार्मिकों के लिए प्रतियोगिताएं

स्थापना दिवस के अवसर पर संदीक्षा सदस्यों, बच्चों, आरटीसी कर्मियों और प्रशिक्षुओं के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिससे अनुशासन, टीम भावना और रचनात्मकता को बढ़ावा मिला।

सीमा सुरक्षा में निभा रही अहम भूमिका

गौरतलब है कि एसएसबी वाल्मीकिनगर, रामनगर और बगहा क्षेत्र में भारत-नेपाल सीमा की सुरक्षा के साथ-साथ वाल्मीकि टाइगर रिजर्व, दुर्गम दोन क्षेत्र, नारायणी-गंडक नदी मार्ग और अन्य संवेदनशील इलाकों में आंतरिक सुरक्षा का दायित्व निभा रही है। साथ ही बगहा पुलिस जिले को नक्सल मुक्त बनाने में नक्सल-रोधी अभियानों के जरिए एसएसबी की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है।