परवेज आलम, बगहा. Mauni Amavasya: माघ मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर वाल्मीकिनगर स्थित त्रिवेणी संगम स्थान पर भगदड़ के हालात हो गए। इस दौरान कुछ लोगों के घायल होने की खबर है। दरअसल मौनी अमावस्या के दिन नारायणी गंडक के त्रिवेणी संगम में करीब 3.50 लाख श्रद्धालु डुबकी लगाने पहुंच गए। प्रशासन का अनुमान था कि 1.50 लाख लोग आएंगे, लेकिन कुंभकी वजह से लोगों की संख्या बढ़ गई। ज्यादा भीड़ की वजह से एक लड़का गाड़ी की चपेट में आ गया। इसके बाद भीड़ बेकाबू हो गई। हालांकि, प्रशासन ने कुछ वक्त बाद हालात को काबू में कर लिया।

स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने किया दान-पुण्य

मौनी अमावस्या के नहान मेला में भक्तों का तांता लगा है। श्रद्धालुओं ने स्नान के पश्चात भगवान विष्णु, शिव और सूर्य देव की आराधना कर गौ दान-पुण्य किया। दरअसल मौनी अमावस्या पर आत्मिक शुद्धि का संकल्प लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ हर वर्ष त्रिवेणी संगम तट पर उमड़ती है। लिहाजा भीड़ कों नियंत्रित करने और किसी भी अप्रिय घटना से बचाव के लिए पुलिस प्रशासन के साथ SSB जवानों ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। वाल्मीकिनगर के स्नान घाटों पर अतिरिक्त पुलिस बल,सीमा सुरक्षा बल के जवान और मेडिकल टीम की भी तैनात की गई है।

उत्तर भारत का दूसरा सबसे बड़ा संगम स्थल

आलम यह है की श्रद्धालुओं की अधिक संख्या के कारण वाल्मीकिनगर और बगहा में तीन-तीन किलोमीटर तक वाहनों की लंबी कतारें लग गईं हैं। बताया जा रहा है की देश में प्रयागराज के बाद वाल्मीकिनगर स्थित त्रिवेणी संगम जो गंडक, तमसा और सोनभद्र इन तीन नदियों के संगम स्थल के रूप में विश्व प्रसिद्ध तीर्थंस्थल है, जिसे उत्तर भारत का दूसरा सबसे बड़ा संगम स्थल माना जाता है। प्रयागराज के बाद इस स्थान का विशेष धार्मिक महत्व है।

प्रत्येक वर्ष बिहार, उत्तर प्रदेश और नेपाल के विभिन्न इलाकों से लाखों श्रद्धालु यहां स्नान-दान करने पहुंचते हैं। बता दें कि मौनी अमावस्या पर त्रिवेणी स्नान के बाद नहान मेला में तेज़पता, नारंगी औऱ लावा की खरीददारी व बिक्री ख़ूब होती है, जो साल में एक बार यहां बड़े बाज़ार के तौर पर देखा जाता है।

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