एक ऐसा जानवर गधा जिसे लेकर आपने कभी सोचा है कि गधों के लिए कोई अपनी IT जॉब छोड़ देगा. कर्नाटक के रहने वाले श्रीनिवास गौड़ा ने ऐसा ही किया है. उन्होंने गधे के महत्व समझते हुए गधा और गधी पालने का बिजनेस शुरु किया. इस बिजनेस के लिए श्रीनिवास ने अपनी IT जॉब छोड़ कर 42 लाख रुपए निवेश करके शुरु किया है.
कर्नाटक के मेंगलोर शहर के श्रीनिवास गौड़ा के फॉर्म में 20 गधे और गधी हैं. गौड़ा पेशे से सॉफ्टवेर इंजीनियर हैं. वे 2020 तक एक सॉफ्टवेयर फर्म में कार्यरत थे. लेकिन उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर बिजनेस की योजना बनाई. रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक का यह पहला गधा पालन और प्रशिक्षण केंद्र है.
गधे का यूरिन और गोबर भी कीमती
दोनों का यूरिन भी 500 से 600 रुपए लीटर बिकता है और गधे का गोबर खाद बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. श्रीनिवास बताते है कि वे गधी का दूध सुपरमार्केट, मॉल और दुकानों में सप्लाई करते हैं और जल्द ही वे ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनी को भी दूध सप्लाई करेंगे और उन्हें 17 लाख रुपए का ऑर्डर भी मिल चुका है.
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गधी का दूध औषधि के रुप में
गधी के दूध में मौजूद मिनरल और कैलोरी की मात्रा काफी ज्यादा होती है. जोकि दमा और सांस संबंधी समस्याओं को ठीक करने में बेहद कारगर साबित होती है. इसके दूध में लाइसोजाइम जैसे पोषक तत्व मौजूद होते है. जोकि ‘नवजात शिशुओं में कई तरह की गंभीर बीमारियों से भी बचाव करता है. एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी एजिंग और रीजेनेरेटिंग कंपाउंड्स से भरपूर इस दूध की डिमांड हर लिहाज से बहुत ज्यादा है. गधी का दूध क्रीम, मॉइश्चराइजर और साबुन, ब्यूटी प्रोडक्ट आदि बनाने में भी किया जाता है.
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