मुंबई। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने खातों की मासिक औसत बैलेंस शर्तों और न्यूनतम औसत बैलेंस नहीं रखने से जुड़े शुल्कों में बदलाव किया है. ये बदलाव अक्तूबर 2017 से लागू होंगे. बैंक ने अपने एक बयान में कहा कि महानगरों और शहरी केंद्रों को एक ही श्रेणी में रखने का फैसला किया गया है. साथ ही महानगरों में न्यूनतम औसत बैलेंस को घटाकर 3,000 रुपये कर दिया गया.
बैंक ने कहा कि पीएमजेडीवाई और बीएसबीडी के तहत 13 करोड़ खाते पहले ही न्यूनतम बैलेंस की सीमा से मुक्त थे. अब ताजा संशोधन का लाभ अतिरिक्त पांच करोड़ खाता धारकों को मिलेगा.
बैंक ने कहा कि उसके जनधन जैसे वित्तीय सतावेशीकरण खातों पर कभी कोई शुल्क नहीं लगाया गया है. अब पेंशनभोगियों, सामाजिक कल्याण योजनाओं के लाभार्थियों और नाबालिगों के खातों को भी शुल्कों से मुक्त कर दिया गया है.