रायपुर- फोन टेपिंग मामले में आरोपी बनाए गए मुकेश गुप्ता की करीबी सहयोगी रही रेखा नायर को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. राज्य शासन ने रेखा नायर को दी गई 730 दिनों की छुट्टियों को निरस्त कर दिया है. तत्कालीन ईओडब्ल्यू चीफ रहते हुए मुकेश गुप्ता ने नियमों को ताक पर रखकर अवैधानिक तरीके से रेखा नायर की छुट्टियां स्वीकृत की थी. नायर को 12 दिसंबर 2018 से 12 दिसंबर 2020 तक की छुट्टी स्वीकृति दी गई थी, जबकि नियमों के मुताबिक छुट्टी देने का अधिकार प्रशासकीय विभाग को है. सामान्य प्रशासन विभाग ने इस मामले को लेकर गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखते हुए तत्कालीन ईओडब्ल्यू प्रमुख मुकेश गुप्ता को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं. गौरतलब है कि रेखा नायर बीते चार सालों से ईओडब्ल्यू में पदस्थ थी, लेकिन किसी भी कर्मचारी ने उन्हें देखा नहीं था. इस पदस्थापना के दौरान नायर को नियमित वेतन का भुगतान भी होता रहा.

कौन हैं रेखा नायर?

ईओडब्ल्यू से जुड़े सूत्रों की माने तो रेखा नायर मुकेश गुप्ता की पुरानी सहयोगी रही हैं. गुप्ता की पदस्थापना जहां रही है, ज्यादातर जगहों पर रेखा नायर उनकी अधिनस्थ के तौर पर काम करती रही हैं. वह मुकेश गुप्ता की भरोसेमंद मानी जाती थीं. पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को गुप्ता के खिलाफ जांच किए जाने को लेकर जो पत्र लिखा था, उस पत्र में उन्होंने यह आरोप लगाया था कि रेखा नायर के नाम पर मुकेश गुप्ता ने करोड़ों रूपए की बेनामी संपत्ति खरीदी और उसके जरिए नेताओं, अधिकारियों का फोन अवैध तरीके से इंटरसेप्ट कराया.

फोन टेपिंग मामले में अहम भूमिका? 

भरोसेमंद सूत्रों की माने तो रेखा नायर की उस फोन टेपिंग मामले में अहम भूमिका सामने आई है, जिसके आरोप में आईपीएस मुकेश गुप्ता के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने पिछले दिनों एफआईआर दर्ज किया है. ईओडब्ल्यू के भीतर चल रही जांच के दौरान इस बात की चर्चा सुनी गई है कि अवैध तरीके से होने वाले फोन टेपिंग की पूरी जिम्मेदारी रेखा नायर ही देखती थी. इस मामले से जुड़े अहम इनपुट कहते हैं कि फोन टेपिंग के लिए अवैध तरीके से दो मशीनें खरीदी गई थी. एक मशीन दो करोड़ और दूसरी मशीन पांच करोड़ रूपए में खरीदी गई. सूत्रों की माने तो कहा यह भी जा रहा है कि फोन टेपिंग की ट्रेनिंग लेने रेखा नायर को इजराइल भेजा गया था. बताते हैं कि इस बात की पुख्ता जानकारी जांच कर रहे अधिकारियों को मिली है और जांच में इन बिंदुओं को शामिल किया जा रहा है. चर्चा है कि इस मामले को लेकर ईओडब्ल्यू जल्द ही केंद्रीय गृह मंत्रालय को चिट्ठी भी लिखेगा. सूत्र बताते हैं कि रेखा नायर कई बड़े राजनेताओं, ब्यूरोक्रेट्स के फोन टेप किया करती थीं. चर्चा है कि ज्यूडिशियरी से जुड़े लोगों के फोन काॅल्स भी टेप किए गए हैं.