बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर ने आज राज्य स्तरीय ई-मेगा विधिक सेवा कैम्प का आयोजन किया. इस कैंप के माध्यम से कोरोना के कारण शासन की कल्याणकारी योजनाओं से वंचित लोगों को शीघ्र सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से किया गया. इसके लिए प्रदेश के 23 सिविल जिले तथा 64 तहसीलों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जोड़ा गया था. शिविर का शुभारंभ हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा, न्यायमूर्ति मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव तथा न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी की विशिष्ट अतिथि में किया गया.

शुभारंभ समारोह में न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा ने कहा कि इस कैम्प के तहत शासन की योजनाओं को गरीब जनता तक पहुंचाना है और हमारे पैरालीगल वॉलिंटियर्स जमीनी स्तर पर जाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी पहुंच बनाए है और शासन की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताए हैं. ई-मेगा कैम्प के माध्यम से शासन की योजनाओं को गरीब लोगों तक पहुंचाने का का प्रयास जारी रहेगा और यह पूरे नवंबर माह तक चलेगा. पीएलव्ही इसके लिए चिन्हांकित करने का कार्य भी करेंगे. जरूरतमंद लोग हेल्पलाईन नंबर 15100 पर भी अपनी समस्याएं बता सकते हैं. वर्तमान बदली हुई परिस्थितियों में हमें पुनः विकास के कार्य करने है. हमारे संविधान की यह खूबी है कि जब जब विकट परिस्थतियां निर्मित होती है हम सब साथ कंधे से कंधा मिलकर उससे निपटते है.

सद्भावना विधिक जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ

छ.ग.राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विधिक जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत यू-ट्यूब चैनल “जन चेतना” तैयार किया गया है. जिसमें न्यायाधीशों के द्वारा आम जनता को विभिन्न कानूनों के संबंध में जानकारी दी जाती है, लेकिन समाज के मूक एवं बधिर निःशक्त बंधु उक्त जानकारी प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं, इसको ध्यान में रखते हुए “सद्भावना विधिक जागरूकता कार्यक्रम” आज से प्रारंभ किया गया है. आज के इस कार्यक्रम में “सद्भावना” पहले एपिसोड को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजनांदगांव द्वारा समाज कल्याण विभाग के सहयोग से तैयार करवाया गया है, जिसमें कोविड-19 महामारी के संबंध में जानकारी दी गई है. यह प्रयास देश में अपने तरह का प्रथम प्रयास है. जिसके माध्यम से कानूनी जानकारियों से वंचित एक बड़े समूह को इसका लाभ प्राप्त होने की संभावना है.

न्यायमूर्ति मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में ऐसी गतिविधि हमारे लिये एक बड़ी चुनौती से लड़ने के लिये तैयार करने का है. सबकों मालूम है कि किन परिस्थतियों में, किन मुश्किलों में, महामारी के खतरें में आज हम सब जी रहे हैं. लेकिन इस विकट स्थिति में पब्लिक सरवेंट जनसेवा से जुड़े कार्यो को कर रहे हैं और आज की कठिन परिस्थतियों में ये जनसेवक देश की सारी जनता को न्याय उन तक पहुंचे इसके लिये प्रयासरत हैं. सालसा एवं जिला प्राधिकरण का गठन होने के बाद इसका मूल उददेश्य “सबके लिये न्याय”  हम जहां न्याय की बात करते हैं तो सिर्फ कोर्ट में पक्षकार को न्याय दिलाना नहीं है.

न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी बोले कि वर्तमान कोविड महामारी संक्रमण काल में जब सभी लोगों के सामान्य कार्य प्रभावित हैं, लोगों से संबंधित सेवाएं एवं अन्य समान्य कामकाज लगभग बंद हैं. ऐसी परिस्थिति में जो यह शिविर का आयोजन हो रहा है. इससे निश्चित रूप से आमजन को लाभ मिल सकेगा. वहीं समारोह के प्रारंभ में स्वागत भाषण छ.ग. उच्च न्यायालय के इंचार्ज रजिस्ट्रार जनरल दीपक कुमार तवारी एवं अंत में धन्यवाद ज्ञापन राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव सिद्धार्थ अग्रवाल के द्वारा दिया गया. उक्त शुभारंभ समारोह में न्यायिक एकाडेमी के निदेशक के.एल चरियाणी एवं अन्य अधिकारी, रजिस्ट्री न्यायिक अधिकारी, महाधिवक्ता सतीशचन्द्र वर्मा, उच्च न्यायालय के अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सचिव उपस्थित रहें.

इसके अलावा उपरोक्त शुभारंभ समारोह में लाईव डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से नालसा के सदस्य सचिव अशोक कुमार जैन, डायरेक्टर सुनील चौहान, समस्त जिलों के न्यायिक अधिकारी, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं शासन के प्रतिभागी विभागों के प्रतिनिधिगण जुड़े रहें.

सदस्य सचिव सिद्धार्थ अग्रवाल ने बताया है कि इस ई-मेगा विधिक कैम्प में लगभग 7-8 माह से शासन के कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित लोग जिला मुख्यालयों एवं तहसीलों से संपर्क कर मिलने वाले उपकरण, छात्रवृत्ति, अनुदान, क्षतिपूर्ति राशि आदि प्राप्त किए, जिसकी प्राप्ति के लिए प्रतीक्षारत थे. अब तक की प्राप्त जानकारी के अनुसार पूरे प्रदेश भर में 7 लाख 43 हजार 583 व्यक्ति इस शिविर के माध्यम से लाभान्वित हो चुके हैं. जबकि शासन द्वारा इन व्यक्तियों पर लगभग डेढ़ अरब रूपये अनुदान उपकरण, छात्रवृत्ति, प्रतिपूर्ति आदि के रूप में उपलब्ध कराये है. विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पीड़ित महिलाओं को लगभग डेढ़ करोड़ रूपये क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया है.