रायपुर. छत्तीसगढ़ राज्य औषधीय पादप बोर्ड ने दो दिवसीय राष्ट्रीय वनौषधी कान्क्लेव का आयोजन किया गया. इस दौरान छत्तीसगढ़ वनौषधी पादप बोर्ड ने डाबर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से ओएमयू किया. इस आयोजन में पूरे भारत के हर्बल उत्पादक कंपनियों ने भागीदारी निभाया. इससे पहले भी वनौषधि के क्षेत्र में कार्य करने वाले 6 कंपनियों से ओएमयू किए गए थे. 16 मई को 2018 को दो अन्य कंपनियों केपी मनीष ग्लोबल इंग्रीडियंस प्राइवेट लिमटेड और वलेड़ा लाइफ हर्बल प्राइवेट लिमटेड के बीच एमओयू किया गया है.
इस कार्य को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, बोर्ड के अध्यक्ष रामप्रताप सिंह उपाध्यक्ष डॉ. जेपी शर्मा और बोर्ड के द्वारा प्रदेश को हर्बल राज्य के रूप में अथक प्रयास किया जा रहा है. जिसके अंतर्गत शासन द्वारा गुणवत्ता पूर्ण कच्ची औषधीय संग्रहित किया जा रहा. जिससे औषधीय कंपनी को उपलब्ध कराकर अच्छी गुणवत्ता की चीजों को पाया जा सकता है. सरकार के इन प्रयासों से निकट भविष्यों में औषधीय पौधों के संग्रहण प्रसंस्करण तथा व्यापार से जुड़े आर्थिक सुदृढ़ीकरण होने की संभावना है. इससे हर्बलरोजगार और जीविकोपार्जन के लिए बेहतर अवसर प्राप्त होंगे.
एमओयू किये जाने में इनोवेट बायोलाईफ मुंबई, एडिला बायोटेक कोटा राजस्थान, सीएसआईआर सीमैप लखनऊ, सीएसआईआर सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट लखनऊ, सीएसआईआर आईजीआईबी दिल्ली, किसान आर्म्स हैदराबाद, केपी मनीष ग्लोबल इंग्रीडियंस प्राइवेट लिमटेड, वलेड़ा लाइफ हर्बल प्राइवेट लिमटेड के साथ किया गया है। हाल में ही छत्तीसगढ़ शासन और डाबर प्रालि के मध्य एमओयू किया गया है.