सत्या राजपूत, नई दिल्ली। भारत में कई सिद्ध मंदिर हैं, जिनमें इन 51 शक्तिपीठों का विशेष धार्मिक महत्व रहा है. इन शक्तिपीठों में बिलासपुर जिले के रतनपुर में स्थित महामाया मंदिर भी है. छत्तीसगढ़ के आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के समक्ष महामाया मंदिर रतनपुर को ‘प्रसाद’ योजना में शामिल करने और उन्नयन के लिए विशेष कॉरिडोर बनाने की मांग की है.

बता दें किवर्तमान में रतनपुर एक छोटा नगर है, जो मंदिरों और तालाबों के लिए विख्यात है. यह जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित है. यहां स्थित प्राचीन महामाया मंदिर का निर्माण राजा रत्नदेव प्रथम द्वारा ग्यारहवीं शताब्दी में कराया गया था. ऐतिहासिक, धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से यह देश और प्रदेश के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है. यहां हर वर्ष लगभग 15 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं.

वर्तमान बिलासपुर सांसद और आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने जनहित में महामाया मंदिर की महत्ता और छत्तीसगढ़ राज्य के करोड़ों लोगों की आस्था का सम्मान करते हुए भारत सरकार की तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन अभियान (प्रसाद) योजना के तहत इस मंदिर के विकास के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की. इस योजना के तहत महामाया मंदिर का विकास होने से देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का सृजन होगा.

राज्य मंत्री तोखन साहू ने इस विषय में पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से सार्थक प्रयास करने का आश्वासन प्राप्त किया. बिलासपुर सांसद और आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने बिलासपुर की जनता की ओर से उनका आभार व्यक्त किया.

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