संभल. समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को संभल जाने के लिए निकले. हालांकि नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे को पुलिस के अधिकारियों ने उनके घर पर हाउस अरेस्ट कर लिया है. इतना ही नहीं पुलिस ने प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल को भी हाउस अरेस्ट कर लिया है. दोनों नेताओं के घर के बाहर पुलिस की गाड़ियां खड़ी कर दी गई. अब इसे लेकर विपक्ष एकटुज हो गया है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने मामले को लेकर कहा है कि ‘जहां भी अत्याचार और अन्याय हो रहा है, उसके खिलाफ सभी को डटकर खड़ा होना चाहिए. कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल 2 दिसंबर को संभल जा रहा है. पुलिस और सरकार की ओर से जानबूझकर कराई गई घटना की जानकारी से अवगत होकर कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व को इससे अवगत कराएंगे.
मामले को लेकर पक्ष-विपक्ष में बयानबाजी का दौरा जारी है. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि “संभल घटना के मुख्य अपराधी के रूप में देखा जाए तो वो समाजवादी पार्टी है. उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की जो करारी हार हुई है, जो जख्म लगा है उसे वे भूला नहीं पा रहे. समाजवादी पार्टी द्वारा वहां प्रतिनिधिमंडल भेजना एक नौटंकी है, वोट बैंक साधने की राजनीति है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए. संभल की घटना समाजवादी पार्टी के संरक्षित अपराधियों की देन है. जो संभल के अपराधी हैं, वो सब समाजवादी हैं. अखिलेश यादव को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए.
हरेंद्र मलिक को पुलिस ने रोका
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर लोकसभा क्षेत्र से सपा सांसद हरेंद्र मलिक भी शनिवार को संभल जा रहे थे, जिन्हें गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस ने रोक लिया. समाजवादी पार्टी की ओर से नेता विपक्ष माता प्रसाद की अगुवाई में पांच सांसद समेत 15 नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को संबल भेजने की घोषणा की गई थी. प्रतिनिधिमंडल को पीड़ितों से मुलाकात कर अपनी रिपोर्ट को सपा मुखिया अखिलेश यादव को सौंपने के पार्टी द्वारा निर्देश दिए गए थे. प्रतिनिधिमंडल में सांसद हरेंद्र मलिक भी इसमें शामिल थे. जिन्हें रोक लिया गया.
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अधिकारियों की सच्चाई सामने ना आए इसलिए रोका जा रहा- हरेंद्र
इस पर हरेंद्र ने कहा कि ‘सरकार हमें आगे क्यों नहीं जाने दे रही हम समझ नहीं पा रहे हैं. हम देश और प्रदेश के नागरिक हैं अगर हम अपने प्रदेश में भी मूवमेंट नहीं कर सकते तो हम कहां मूवमेंट करेंगे. आगे चलने का प्रयास करेंगे अगर हमें रोका जाएगा तो हम क्या कर सकते हैं. जिलाधिकारी संभल से मैं यह जानना चाहता हूं कि जिस दिन वहां ये घटना घटी थी उस दिन वहां क्या कोई जनप्रतिनिधि था? अधिकारियों की सच्चाई सामने ना आए इसलिए हमें रोका जा रहा है. बड़ा ड्रैमेटिक घटनाक्रम है. सर्वे के बाद चार दिन तक कोई चर्चा नहीं हुई.’
अपनी करतूत पर पर्दा डाल रहे- जियाउर्रहमान
वहीं मामले को लेकर सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि घटना को साजिश के तहत अंजाम दिया गया है. समाजवादी पार्टी द्वारा संभल हिंसा की जांच के लिए डेलिगेशन बनाया गया है. हम संभाल जाकर मामले की ग्राउंड पर जांच कर उसकी रिपोर्ट अखिलेश यादव को सौंपेगे. हमें यहां रोकना गलत है. मेरे ऊपर जो संभल में भड़काऊ भाषण देने के आरोप लगाए जा रहे हैं क्या प्रशासन द्वारा भड़काऊ भाषण का कोई वीडियो उपलब्ध कराया गया है ? मैंने कोई भड़काऊ भाषण नहीं दिया है. मेरे ऊपर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं. अपनी करतूत पर पर्दा डालने के लिए गलत आरोप लगा रहे हैं. हमने तो पहले दिन वहां रहकर स्थिति को संभाला है.
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संविधान ने हमें आजादी दी है- मोहिबुल्ला नदवी
जियाउर्रमान ने कहा कि डेलिगेशन में समाजवादी पार्टी के सांसद और तमाम वरिष्ठ नेता हैं. कैसे आखिर हमें संभल जाने से रोका जा सकता है. संभल अति संवेदनशील क्षेत्र जरूर है लेकिन कुछ बाहरी लोगों ने आकर वहां माहौल खराब किया है. तीन लोग नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के हैं. पांच लोग वहां के शामिल हैं. संभल घटना के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार है. वहीं रामपुर से सपा सांसद मोहिबुल्ला नदवी ने कहा कि संविधान ने हमें आजादी दी है कि हम वहां जाएं वहां के लोगों के दुख सुने और उनके सुख दुख में शरीक हों. हमें संभल जाने से रोका जा रहा है. जो की पूरी तरह से गलत है.
इंदिरापुर एसीपी स्वतंत्र कुमार सिंह ने कहा कि जैसा कि बताया गया है समाजवादी पार्टी का डेलिगेशन संभल जा रहा था. डेलिगेशन को रोका नहीं गया बल्कि उनको रोककर ये बताया गया कि संभल में निषेधाज्ञा आजा लागू है. संभल जाने से रोका जाएगा. इस बात पर डेलिगेशन के लोग मान गए और वापस दिल्ली जाने के लिए तैयार हो गए. डेलिगेशन में सांसद जियाउर रहमान वर्क, सांसद हरेंद्र मलिक और सांसद मोहिबुल्ला नदवी शामिल थे.
अब तक 30 लोगों की गिरफ्तारी
मुरादाबाद मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि किसी भी प्रतिनिधिमंडल को संभल जाने की अनुमति नहीं है. एक बार संभल में स्थिति सामान्य हो जाए, तो कोई भी वहां जा सकता है. वे भी नहीं चाहेंगे कि संभल में स्थिति बिगड़े. उन्हें हमारे साथ सहयोग करना चाहिए और कुछ समय बाद संभल का दौरा करना चाहिए. घटना की जांच चल रही है और हम सभी सबूत इकट्ठा कर रहे हैं. हमने अब तक 30 लोगों को गिरफ्तार किया है.
नहीं मिलेगा प्रवेश
फिलहाल, गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है. हालांकि समाजवादी पार्टी के डेलिगेशन में मौजूद सभी सांसद वापस दिल्ली लौट गए हैं. एसीपी इंदिरापुरम स्वतंत्र कुमार सिंह ने डेलिगेशन के सभी लोगों के दिल्ली वापस लौटने की पुष्टि की है. बता दें कि संभल में रविवार 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा के बाद शांति व्यवस्था को स्थापित करने के लिए संभल जिला प्रशासन ने बाहरी व्यक्तियों की प्रवेश पर 10 दिसंबर 2024 तक रोक लगा रखी है. संभल के जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेसीया के मुताबिक कोई भी बाहरी व्यक्ति, कोई सामाजिक संगठन या जनप्रतिनिधि जनपद की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना 10 दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा.
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