भोपाल। मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर में आदिगुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी. 54 फीट ऊंचे प्लेटफार्म पर स्थापित होने वाली प्रतिमा की लागत दो हजार करोड़ रुपए होगी. वर्ष 2023 तक प्रतिमा की स्थापना का लक्ष्य लेकर तेजी से काम किया जा रहा है. इसे भी पढ़ें : शुक्रवार विशेष: धन की लगातार हानि हो रही तो करें वैभव लक्ष्मी के 11 व्रत

ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य के बाल स्वरूप की मूर्ति लगेगी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 9 फरवरी 2017 को नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान ओंकारेश्वर में इसे बनाने का संकल्प लिया था. घोषणा के बाद से यहां निर्माण एजेंसी पर्यटन विकास निगम के जरिए निर्माण किया जा रहा है.

आदिगुरु शंकराचार्य का क्या है ओंकारेश्वर से रिश्ता

ओंकारेश्वर को आदिगुरु शंकराचार्य की दीक्षा स्थली मानी जाती है. गुरु- शिष्य के सम्मान भरे रिश्ते का प्रतीक है तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में स्थित आदिगुरु शंकराचार्य के गुरु गोविंदपाचार्य की गुफा. यहां दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को सबसे पहले गोविंदपाचार्य की मूर्ति के ही दर्शन होते हैं. गुफा में स्थापित अति प्राचीन मूर्ति में आदिगुरु शंकराचार्य को मां नर्मदा को अपने कमंडल में लेते हुए दिखाया गया है.

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आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त कर संन्यास लेकर हिंदू धर्म की रक्षा करने वाले आदिगुरु शंकराचार्य के बारे में शास्त्रों में उल्लेख है. कभी नर्मदा नदी में बाढ़ आने से पानी गुफा तक पहुंच चुका था. उस समय गुरु गोविंदपाचार्य गुफा में तपस्या कर रहे थे, तभी आदिगुरु शंकराचार्य ने मां नर्मदा से प्रार्थना की कि मेरे गुरु अंदर तपस्या कर रहे हैं. निवेदन है कि आप शांत हो जाइए. उसी समय मां नर्मदा शंकराचार्य के कमंडल में समा गई थीं.

शिव का अवतार हैं आदिगुरु शंकराचार्य

सनातन धर्म में आदिगुरु शंकराचार्य को शिव का अवतार माना जाता है. उन्होंने ईश, केन, कठ, प्रश्न, मुंडक, मांडूक्य, एतरेय, तैत्तिरीय, वहदारण्यक और छान्दोग्योपनिषद् पर भाष्य लिखा. वेदों में लिखे ज्ञान का प्रचार-प्रसार किया. शंकराचार्य ने भारत के चारों कोनों में चार मठों की स्थापना की. आठ वर्ष की अवस्था में शंकराचार्य ने ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के ठीक नीचे भगवत्पाद गोविंदाचार्य से दीक्षा लेकर संन्यास लिया. उन्होंने वाराणसी होते हुए बद्रिकाश्रम तक पैदल यात्रा की. 16 वर्ष की अवस्था में बद्रिकाश्रम पहुंचकर ब्रह्मसूत्र विषय पर भाष्य लिखा.