चित्रकूट। उत्तर प्रदेश के चित्रकूट की पहचान वैसे तो प्रभु श्री राम की तपोस्थली के रूप में होती है। यहां भक्त प्रभु श्रीराम को कण-कण में महसूस करते हैं। इसी चित्रकूट का एक और इतिहास भी है, जो कुख्यात डकैतों के आतंक से भरा है।
वैसे तो इस क्षेत्र में कई डकैत रहे हैं। आज हम बताने जा रहे हैं एक ऐसे डकैत के बारे में जो बहुत कम उम्र में प्यार कर बैठी और फिर बनी कुख्यात दस्यु सरगना। इसके काम करने का तरीका ऐसा था कि लोग इसे इश्क वाली डकैत कहते थे।
जानें 16 साल की लड़की की डकैत बनने की कहानी
चित्रकूट के बगैहा गांव की रहने वाली साधना पटेल की कहानी बहुत ही दिलचस्प है। 16 साल की बाली उमरिया में साधना पटेल का दिल चंबल का डकैत नवल किशोर धोबी पर आ गया। साधना ने डकैत नवल के साथ पूरा जीवन रहने का फैसला कर लिया। उसके परिवार वालों को यह बात ठीक नहीं लगी और साधना की शादी एक युवक से कर दी। साधना को ये शादी रास नहीं आई और वो ससुराल में सिर्फ दो दिन रही। इसके बाद साधना ने डकैत नवल किशोर धोबी के साथ जीवन गुजारने के लिए चित्रकूट के बीहड़ जंगलों की ओर रुख कर लिया।
डकैत से रचा ली शादी
साधना ने चित्रकूट के घनघोर जंगलों में नवल किशोर के साथ शादी रचा ली। इधर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में डकैत नवल किशोर धोबी का आतंक बहुत बढ़ गया था। इस दौरान साधना नवल किशोर से पैंतरेबाजी और डाकैतों के तौर तरीके भी सीख रही थी, लेकिन वहीं उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की पुलिस के लिए नवल किशोर धोबी और उसकी गैंग बड़ी चुनौती बन चुकी थी। पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया और डकैत नवल किशोर धोबी को ढेर कर दिया।
साधना बन गई सरगना
डकैत नवल किशोर धोबी की मौत के बाद अब गैंग की कमान साधना पटेल ने अपने हाथों में ले ली और यहां से शुरु हो गई इश्कबाज दस्यु सुंदरी डकैत साधना पटेल के जुर्म की दुनिया की खतरनाक दास्तान। लगभग 5 दशकों के बाद यह पहला ऐसा मौका था जब उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्र पाठा में किसी महिला डकैत ने एंट्री की। साधना पटेल ने जैसे ही गैंग की कमान संभाली और वारदातों को अंजाम देना शुरू किया तो पुलिस ने उस पर 10 हजार का इनाम घोषित कर दिया।
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एमपी तक बनाई पैठ
डकैत साधना ने दीपक शिवहरे गैंग और नवल किशोर धोबी गैंग के करीब डेढ़ दर्जन सदस्यों को मिलाकर अपनी गैंग बनाकर उसकी कमान अपने हाथों में रखी। शुरुआत में साधना ने नयागांव क्षेत्र और भरतकूप क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में अपने गैंग का जमकर आतंक फैलाया। बाद के दिनों में अपनी दहशत को कायम करने के लिए साधना ने चित्रकूट, सतना , रीवा में वारदात को अंजाम देना शुरू किया। धीरे-धीरे साधना की दहशत इतनी बढ़ गई कि लोग अपने घरों में भी साधना की चर्चा नहीं करते थे। साधना यूपी और मध्य प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में जबरदस्त आतंक का पर्याय बन गई और पुलिस के लिए बड़ा सिर दर्द भी बन गई।
जानें क्यों कहते हैं इश्कबाज दस्यु सुंदरी
दस्यु सुंदरी साधना पटेल के घर डकैतों का आना जाना था। साधना के पिता उस समय डकैतों को शरण देते थे। बस यहीं से साधना डकैतों के संपर्क में आई। सूत्रों के मुताबिक डकैत साधना युवाओं को अपने प्रेम में फंसा लेती थी, फिर किसी को मुखबिर तो किसी को गैंग की सक्रिय सदस्य बना लेती थी। साधना इन युवाओं को बाकायदा हथियार चलाने और पुलिस से बचने की ट्रेनिंग भी देती थी। यही कारण है कि लोग डकैत साधना को इश्कबाज डकैत या फिर इश्कबाज दस्यु सुंदरी कहते थे।फिलहाल इश्कबाज डकैत साधना को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और वह एमपी की जेल में बंद है।
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