
आशुतोष तिवारी, बस्तर. छत्तीसगढ़ का बस्तर हमेशा से प्राकृतिक संपदा से भरपूर रहा है. यहां की इंद्रावती नदी पूरे बस्तर को सींचती है. लेकिन भीषण गर्मी आने से पहले ही यह प्राणदायनी नदी सूखने लगी है. पानी की कमी की चिंता को लेकर बस्तर के किसानों को आज पहली बार संघर्ष करना पड़ा. यहां के किसानों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ‘इंद्रावती नदी बचाओ संघर्ष समिति’ के बैनर तले नेशनल हाईवे- 30 पर भोंड के पास चक्काजाम कर दिया. इससे के दोनों तरफ आवाजाही ठप पड़ गई. बड़ी संख्या में पुलिस बल स्थिति को नियंत्रित करने में लगी हुई है.


दरअसल, किसानों ने कुछ दिन पहले ही बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर इंद्रावती नदी में बने स्टाप डेम का पानी छोड़ने के अलावा अन्य 6 सूत्रीय मांग की थी. किसानों ने इन मांगों को पूरी करने के लिए प्रशासन को सप्ताह भर का समय दिया था. मांग पूरी नहीं होने पर आक्रोशित किसानों ने आज चक्का जाम कर दिया.

इधर चक्का जाम के चलते हाईवे में दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई है. जगदलपुर-रायपुर मार्ग में जाम की स्थिति बनने से आवाजाही ठप पड़ गई है. स्थिति को कंट्रोल करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है. वहीं किसानों का कहना है, कि जब तक प्रशासन के द्वारा उन्हें आश्वासन नहीं मिल जाता और स्टाप डैम का पानी नहीं छोड़ा जाता, तब-तक वे हाईवे पर धरना प्रदर्शन करते रहेंगे.
सूखी नदी पर बच्चे खेलते हैं क्रिकेट
गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों से इंद्रावती नदी का जलस्तर लगातार घट रहा है. इस साल आलम यह है की सूखती नदी में बच्चे क्रिकेट खेल रहे हैं. साथ ही रेत माफिया भी सक्रिय हो गए हैं और लगातार रेत का अवैध उत्खनन भी किया जा रहा है.
प्रशासन ने 5% पानी देने का दिया आश्वासन
वहीं कुछ दिन पहले ही किसानों ने इस सूखी नदी में पैदल मार्च कर प्रशासन का ध्यान भी आकर्षित किया, लेकिन अब तक सरकार सूखती इंद्रावती को लेकर चिंतित दिखाई नहीं दे रही है. हालांकि चक्का जाम के बाद एसडीम ने 5% पानी देने अस्वासन दिया है, जिसके बाद किसानों ने रास्ता बहाल कर दिया है.
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