ओडिशा। कामागांव उच्च माध्यमिक स्कूल (School) के एक स्कूली छात्र ने अपने 20 दोस्तों की जान सिर्फ इसलिए खतरे में डाल दी, क्योंकि वह चाहता था कि स्कूल में छुट्टी हो जाए. यह स्कूल बारगढ़ जिले के भाट्ली ब्लॉक में स्थित है. यहां के प्रिंसिपल प्रेमानंद पटेल ने बताया कि इस आरोपी छात्र ने अपने हॉस्टल के 20 लड़कों (students) को उस बोतल से पानी पिलाया जिसमें जहरीला (poison) कीटनाशक मिला हुआ पानी भरा था. इससे छात्रों को उल्टियां और जी मचलाने की शिकायत होने पर अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, हालांंकि इलाज के बाद सभी खतरे से बाहर हैं.
प्रिंसिपल ने बताया कि 16 साल के आर्टस विषय के आरोपी छात्र को उम्मीद थी कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन मिलने के बाद लॉकडाउन लग जाएगा और स्कूल बंद हो जाएगा. जब ऐसा नहीं हुआ तो उसने यह घातक कदम उठाया. अस्पताल में भर्ती छात्रों के परिजनों ने यह मांग की थी कि आरोपी छात्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए, लेकिन उसकी कम उम्र और करियर को देखते हुए उस पर मामला दर्ज नहीं कराया गया. उसे कुछ दिनों के लिए स्कूल से सस्पेंड कर दिया गया है.
बगीचे के कीटनाशक को मिला दिया था पीने के पानी में
इस घटनाक्रम पर जानकारी देते हुए स्कूली छात्रों ने बताया कि स्कूल के हॉस्टल में रहने वाला आरोपी छात्र किसी तरह अपने घर जाना चाहता था. उसे उम्मीद थी कि ओमिक्रॉन मिलने के बाद एक बार फिर स्कूल बंद हो जाएंगे. जब ऐसा नहीं हुआ तो वह परेशान रहने लगा था. इसके बाद उसने बगीचे में इस्तेमाल होने वाले कीटनाशक को पानी में मिला दिया था और इस पानी को छात्रों को पीने के लिए दे दिया था. सबसे पहले 11वीं कक्षा के दो छात्रों को जी मचलाने और उल्टी की शिकायत हुई और उसके बाद कई छात्रों को ऐसा ही हुआ. इन छात्रों ने उसी प्लास्टिक बोतल से पानी पीया था.
जहर का अंश अंदर न जाए, इसलिए आंत की सफाई करनी पड़ी
स्कूल के हॉस्टल में छात्रों की तबीयत बिगड़ने की खबर मिलते ही स्थानीय प्रशासन हरकत में आया और उसने सभी छात्रों को अस्पताल में भर्ती कराया. यहां कुछ छात्रों को उपचार मिलते ही आराम मिल गया लेकिन कुछ छात्रों की ऊपरी आंत तक की सफाई करनी पड़ी ताकि जहर का कोई भी अंश पाचन के दौरान अंदर ना जा सके.
बारगढ़ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अरुण कुमार पात्रा ने कहा कि यदि समय रहते इलाज नहीं किया जाता तो अनहोनी हो सकती थी. इधर प्रिंसिपल ने बताया कि आरोपी छात्र ने यह बहाना किया कि उसने भी यही पानी पी लिया है और उसकी तबीयत बिगड़ गई है, ऐसे में उसे संभलपुर जिले में इलाज के लिए भेजा गया. तब वो वहां से 48 किमी दूर अपने घर चला गया.
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