• किसी भी शनिवार की शाम को अपनी लंबाई के बराबर लाल रेशमी धागा लें, फिर एक बरगद का पत्ता तोड़ लें. इसे साफ पानी से धोकर पोंछ लें. अब अपने मनचाहे आकार का लाल रेशमी धागा पत्ते के चारों ओर लपेटें और पत्ते को बहते पानी में विसर्जित कर दें. इस प्रयोग को करने से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होंगी तथा सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.
  • हनुमानजी की मूर्ति से सिंदूर लेकर सीता माता की मूर्ति के चरणों में लगाएं. फिर एक ही सांस में वे भक्तिपूर्वक झुककर अपनी इच्छाएं व्यक्त करते हैं. ऐसा कुछ दिनों तक करने से सभी प्रकार की बाधाएं दूर हो जाएंगी.
  • लंबित कार्यों को पूरा करने के लिए यह प्रयोग बहुत लाभकारी है. गणेश चतुर्थी के दिन घर या दुकान पर गणेश जी की ऐसी तस्वीर लगाएं, जिसमें उनकी सूंड दाहिनी ओर मुड़ी हुई होती है. ऐसे गणेश की पूजा करें. उनके सामने कुछ लौंग और सुपारी रखें. जब भी किसी काम पर जाएं तो अपने साथ एक लौंग और एक सुपारी ले जाएं. ऐसा करने से आपको अपने कार्य में सफलता प्राप्त होगी. फिर लौंग चूस लें और सुपारी वापस लाकर गणेश जी के सामने रख दें और कहें, “जय गणेश काटो कलेश.”
  • यदि आपको व्यापार, विवाह या अन्य किसी भी कार्य में बार-बार असफलता का सामना करना पड़ रहा है या काम बिगड़ रहा है, तो आपको सरसों के तेल में भुने हुए गेहूं के आटे का दीपक जलाना चाहिए और पुराने गुड़ से बने सात लड्डू, सात मंदार (फल), फूल आदि जलाने चाहिए. सिंदूर, आटा लेकर पीपल या अरंडी के पत्ते पर रख दें. शनिवार की रात को इसे किसी चौराहे पर छोड़ दें और कहें, “हे मेरे दुर्भाग्य, मैं तुम्हें यहीं छोड़ कर जा रहा हूँ. कृपया मेरा पीछा मत करो.” उपरोक्त सभी सामान वहीं छोड़ दें, अपने साथ कुछ भी न लाएं और जब तक घर में प्रवेश न कर लें, पीछे मुड़कर न देखें.