विधि अग्निहोत्री, रायपुर/निशा मसीह, रायगढ़। रायगढ़ के चिटकाकानी गांव का एक किसान परिवार, जिसके पास 6 एकड़ खेत हैं. खेती के अलावा इस परिवार का आमदनी का दूसरा कोई साधन नहीं है. खेती से सालाना आय लगभग एक लाख होती. इस आय से 5 लोगों का परिवार चलाना काफी मुश्किल था. यह परिवार है महेशराम उरांव का. महेश ने आर्थिक तंगी की वजह से 10वीं तक ही पढ़ाई की, क्योंकि घर के हालात ऐसे थे कि परिवार का पेट ही भर जाए वही काफी था. इसलिए महेश ने आगे पढ़ाई ही नहीं की और 18 की उम्र में खेती करने में जुट गए, ताकि घर चलाने में पिता को दिक्कतों का सामना ना करना पड़े, क्योंकि पिता की उम्र भी अब हो चली थी. घर के आर्थिक हालात दिनों दिन खराब होते जा रहे थे महेश खेत से एक ही फसल ले पाते और फसल भी अच्छी नहीं होती. तमाम कोशिशों के बाद भी फसल की पैदावार अच्छी नहीं हो रही थी. महेश इससे काफी चिंतित रहते.

ज्यादा आमदनी के लिए महेश ने दो फसल लेने और उसके साथ कुछ फसल लगाने की सोची. लेकिन खेत में पानी की व्यवस्था थी जिससे फसल या सब्जी लगाई जाए. पानी की व्यवस्था नहीं हो पाने के कारण खेत का सही उपयोग नहीं हो पा रहा था. एक फसल लेने के बाद खेत महीनों खाली पड़े रहते. महेश ने आगे बढ़ने की सोची और खेत में पानी की व्यवस्था में लग गए.

महेश ने बचत के कुछ पैसों से खेत में बोर कराने की सोची और लाइनमैन के पास गए. लाइनमैन ने बताया कि इसमे खर्च काफी आयेगा. महेश के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो बोर शुरू करा सके. महेश हर दिन यही सोचते कैसे बोर शुरू कराया जाए. एक दिन महेश ने पेपर में सरकार की योजना के बारे में पढ़ा और गांव के ग्रामसेवक के पास गए. तब ग्रामसेवक ने बताया उसे बताया कि सरकार की ऐसी बहुत सारी योजनाएं हैं जिनका लाभ आप ले सकते हैं और महेश को क्रेडा की जानकारी दी. महेश ने क्रेडा जिला प्रभारी अधिकारी संदीप मार्को से मुलाकात की और उनसे योजना की जानकारी ली.

दो महिने के बाद महेश को सौर सुजला योजना के अंतर्गत सौर पंप दिया गया. जिसकी कीमत तकरीबन साढ़े चार लाख थी. सब्सिडी के साथ महेश ने केवल 15 हजार का ही भुगतान किया और उनके खेत में सोलर पंप लग गया. पानी की कमी से जिस खेत में फसल की पैदावार अच्छी नहीं हो रही थी आज वही खेत पानी के आ जाने से सोना उगलने लगे. इस 6 एकड़ की जमीन से महेश को पहले केवल एक लाख की सालाना आय होती थी अब उसी खेत से महेश को 2 से 3 लाख की आमदनी हो रही है.

महेश अब साल में 2 बार धान लगाते हैं इसके अलावा वे गेहूँ और सब्जी की फसल भी लेते हैं जिससे महेश की आमदनी में बढोत्तरी हुई है. आज महेश के परिवार के आर्थिक हालात पहले से बहुत सुधर गये हैं महेश ने घर में सुख सुविधा की भौतिक वस्तुएं जुटा ली हैं. महेश का परिवार आज खुशहाल है. पूरा परिवार आज मिलकर खेती करता है. महेश कहते हैं कि सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए तमाम योजनाओं की व्यवस्था है किसानों को इन योजनाओं का लाभ लेकर अपनी स्थिति को बेहतर करना चाहिए.

महेश सरकार को धन्यवाद देते हुए कहते हैं कि सरकार की सौर सुजला योजना की वजह से मेरे खेत में सौर पंप लग पाया जिससे खेत में पानी की पर्याप्त व्यवस्था हो पाई. इससे एक फसल की जगह दो फसलों का उत्पादन अच्छे से होने लगा और परिवार गरीबी की चौखट से निकल संपंनता की ओर अग्रसर हुआ.