रोहित कश्यप, मुंगेली. मुंगेली के जरहागांव (मोतिमपुर) स्थित “ब्रुक्स उच्चतर माध्यमिक शाला” अविभाजित मध्यप्रदेश के समय का बिलासपुर जिले का एक ऐसा स्कूल है, जो उस समय अपनी पढ़ाई, अनुशासन के नाम से न सिर्फ जिला बल्कि पूरे प्रदेश में जाना जाता था. यहां वर्तमान विधायक पुन्नूलाल मोहले, पूर्व सांसद लखन लाल साहू, वर्तमान डिप्टी सीएम के पिता अभय राम, वैज्ञानिक, इंजीनियर, पुलिस, टीचर, अधिवक्ता समेत अन्य अधिकारी-कर्मचारियों ने शिक्षा ग्रहण ग्रहण कर अपनी तकदीर संवारी है, लेकिन आज यह स्कूल संसाधनों के अभाव में मरम्मत का बाट जोह रहा है. यही वजह है अब यहां के पूर्व छात्रों ने इस स्कूल को संवारने के लिए मुहिम चलाया है.

दरअसल बीते दिनों स्कूल प्रबंधन ने पूर्व छात्रों का स्नेह सम्मेलन कार्यक्रम रखा, जिसमें स्कूल की विभिन्न जरूरत व मांगों को पूर्व छात्रों के समक्ष रखा गया. इस पर स्वस्फूर्त पूर्व छात्रों ने एक स्वर में स्वेच्छानुरूप आर्थिक सहयोग देने की बात कहते हुए स्कूल के जीर्णोद्धार के लिए अभियान चलाने का फैसला लिया. जानकारी के मुताबिक बड़ी संख्या में पूर्व छात्र इस अभियान में शामिल होकर अंशदान दे चुके हैं और लगातार लोग इस अभियान से जुड़ते जा रहे हैं. स्कूल की मरम्मत, रखरखाव व जरूरी संसाधन के लिए भारी भरकम बजट की जरूरत है. यही वजह है कि स्कूल प्रबंधन ने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों एवं शासन से भी मदद की गुहार लगाई है.

कैसे हो रहा स्कूल का संचालन

वर्तमान स्कूल प्राचार्य अनवीता लाल ने बताया कि इस स्कूल का संचालन छत्तीसगढ़ डायसिस बोर्ड ऑफ सेकेण्डरी एजुकेशन द्वारा संचालित हो रहा. इसका मुख्यालय रायपुर है. इसके अंतर्गत शाला प्रबंध समिति है. इस विद्यालय के संचालन एवं रख रखाव के लिए शासन से कोई धन राशि नहीं दी जाती है. केवल कर्मचारियों का वेतन अनुदान के रूप में दिया जाता है. इस कारण स्कूल संचालन में कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

क्या है समस्या

शाला भवन रिपेयरिंग, नदी पर पुल निर्माण, शाला पहुँच मार्ग, बांउड्रीवॉल निर्माण, स्कूल में फर्नीचर, खेल, प्रैक्टिकल, कम्प्यूटर कक्ष एवं कम्प्यूटर सामग्री, लाइब्रेरी, शौचालय निर्माण, अतिरिक्त शिक्षक की व्यवस्था, छात्राओं के लिए छात्रा कक्ष, सांस्कृतिक मंच एवं भवन जैसी कई तरह की समस्या है. इन संसाधनों का अभाव है, जिसके लिए पूर्व छात्रों ने मुहिम की शुरुआत की है.

जानिए स्कूल का इतिहास

ब्रुक्स उच्चतर माध्यमिक शाला का पूर्व में नाम मिशन मिडिल स्कूल था. इसकी स्थापना 1943 में डॉक्टर डी .ए मैगावरन ने किया था. यह शाला पूर्व माध्यमिक शाला जरहागांव के नाम से जाना जाता था. कक्षा 5 वी से 8 वी तक पढ़ाई होती थी. जरहागाँव व आसपास के गांव के बच्चे यहाँ तक तखतपुर से बच्चे पढ़ने आते थे. यह शाला 1953 तक माध्यमिक शिक्षा के रुप में छात्रों को शिक्षा दी जाती थी. इस स्कूल में 1 जुलाई 1959 से कृषि विषय पर अध्ययन व अध्यापन प्रारंभ किया गया.

1962 में शासन ने इस स्कूल को मान्यता दी. कृषि में बागवानी के साथ सामान्य अंग्रेजी व सामान्य हिंदी की शिक्षा दी जाती थी. शाला पूर्व माध्यमिक शिक्षा के नाम से बिलासपुर में एक मात्र अनुदान प्राप्त संस्था थी. 1959 से 1976 तक कृषि विषय पढ़ाये जाते थे. 32 गांव के लोग पढ़ने आते थे. 1976 से कृषि संकाय बन्द कर दिया गया. 1976 से 2018 तक कला, विज्ञान, गणित, बायलॉजी पढाया जाता रहा है. 2020 में जब प्रबंधक वर्ग ने आई आर सोना को मैनेजर नियुक्त किया तक कृषि विषय की मान्यता प्राप्त कर कृषि विषय पुनः कला, विज्ञान, गणित व बायलॉजी के अतिरिक्त विषय पढ़ाये जा रहे हैं. बोर्ड परीक्षा 1962 से 1968 तक इस शाला के छात्र शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला मुंगेली तथा 1986 से 1972 तक तखतपुर में परीक्षा देने जाते थे. परीक्षाफल सदैव शत प्रतिशत रहा. 1973 में शाला में बोर्ड का परीक्षा केंद्र छात्रों के प्रयास से खुला. वर्तमान में शाला भवन की दशा जर्जर है. इस स्कूल के सबसे प्रथम प्राचार्य के डब्ल्यू राम रहे.

स्कूल की विशेषता

मुंगेली जिले में एकमात्र अनुदान प्राप्त शाला है, जो अपने अनुशासन के लिए प्रसिद्ध था. इस शाला की ख्याति न केवल मुंगेली बल्कि पूरे मध्यप्रदेश व देश मे फैली है. यहां से बहुत से छात्र-छात्राएं अध्ययन कर निकले हैं आरै विभिन्न शासकीय व अन्य प्राइवेट क्षेत्र में कार्यरत हैं. इस शाला की ख्याति न केवल भारत में वरन विदेशों में छात्र-छात्राएं अपना नाम ऊंचा कर रहे हैं.

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