रायपुर। आज देशभर में महाशिवरात्रि की धूम है. सुबह से ही शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है. शिव मंदिरों की विशेष साज-सज्जा की गई है. वहीं भगवान शिव की प्रतिमा और शिवलिंग का भी विशेष श्रृंगार किया गया है. छत्तीसगढ़ में भी महाशिवरात्रि पूरे भक्तिभाव से मनाई जा रही है. यहां मंदिरों में विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया है. साथ ही राजिम कुंभ में लोगों ने सुबह-सुबह ही पुण्य स्नान किया.
13 और 14 फरवरी को महाशिवरात्रि
इस बार 2 दिनों तक महाशिवरात्रि मनाई जाएगी. दरअसल आज यानि 13 फरवरी की रात 10 बजकर 35 मिनट पर चतुर्दशी तिथि का शुभारंभ होगा. वहीं 14 फरवरी की रात 12 बजकर 46 मिनट तक चतुर्दशी रहेगी. ऐसे में दोनों ही दिन श्रद्धालु भोलेनाथ की पूजा-अर्चना कर सकते हैं. महाशिवरात्रि के साथ ही प्रदोष भी मनेगा. ऐसा संयोग 21 साल बाद आया है.
ऐसे करें भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न
- ‘ॐ नमः शिवाय:’, जिसे शिव पंचक्षरी मंत्र कहते हैं, आज इसका जाप करें. इससे मनुष्य को संपूर्ण सिद्धियां प्राप्त होती हैं
- महाशिवरात्रि के दिन चारों प्रहर शिवपुराण का पाठ सुनना चाहिए. इससे भगवान प्रसन्न होते हैं
- महाशिवरात्रि व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. स्नान, वस्त्र, धूप, पुष्प और फलों का अर्पण करें. इसलिए इस दिन उपवास करना चाहिए. हां जो लोग बीमार, बूढ़े, अशक्त या कोई महिला गर्भवती है, तो फलाहार कर सकती हैं.
- रात को शिव चालीसा का पाठ करें. प्रत्येक पहर की पूजा का सामान अलग से होना चाहिए.
- भगवान शिव को दूध, दही, शहद, सफेद पुष्प, सफेद कमल पुष्पों के साथ ही भांग, धतूरा और बिल्व पत्र अति प्रिय हैं.
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पूजा के दौरान करें इन मंत्रों का जाप
‘ओम नम: शिवाय ‘, ‘ओम सद्योजाताय नम:’, ‘ओम वामदेवाय नम:’, ‘ओम अघोराय नम:’
भगवान शिव को क्या चढ़ाएं और क्या नहीं
1. केसर, चीनी, इत्र, दूध, दही, घी, चंदन, शहद, भांग, सफेद फूल, धतूरा और बेलपत्र
2. जल: ॐ नम: शिवाय मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पर जल चढ़ाएं
3. खंडित बेलपत्र कभी नहीं चढ़ाएं
4. टूटे हुए चावलों को नहीं चढ़ाएं
5. शिवलिंग पर लाल रंग, केतकी और केवड़े के फूल नहीं चढ़ाएं
6. भगवान शिव पर कुमकुम और रोली भी नहीं चढ़ाएंमहाशिवरात्रि के पीछे की कथा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन भगवान शंकर का माता पार्वती के साथ विवाह हुआ था. हिंदू मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि साल के अंत में आती है, इसलिए इस दिन पूरे वर्ष में हुई गलतियों के लिए भगवान शिवशंकर से क्षमा याचना की जाती है और आने वाले साल में उन्नति और सद्गुणों के विकास के लिए प्रार्थना की जाती है.
देश के अलग-अलग राज्यों में स्थापित 12 ज्योतिर्लिंगों की आज विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ आज अपने भक्तों की मनोकामना जरूर पूरी करते हैं.