अमित पवार, बैतूल। कहते कि सत्य हैरान और परेशान हो सकता है पराजित नहीं किंतु यहां मामला उलटा है। इसी तरह लंबी लड़ाई के बाद जीत सत्य की होती है वाली कहवात भी चरितार्थ नहीं है। मामला राजस्व विभाग के आला अधिकारी का तुगलकी फरमान का है जहां बिना किसी अपराध के तीन सगे भाइयों को जेल भिजवा दिया। तीनों भाई छह दिनों तक बिना कारण और अपराध के जेल की हवा खाते रहे। तीनों भाई अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ कोर्ट की शरण में पहुंचे हैं।

दरअसल मामला एक जमीन के कब्जे को लेकर एसडीएम कोर्ट का है। प्रकरण में तीनों भाइयों का नाम कहीं पर भी नहीं था। एसडीएम कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट इन तीनों भाइयों के पिता और चाचा के खिलाफ जारी हुआ था लेकिन गिरफ्तारी बेकसूर भाइयों की हो गई। एसडीएम को अपनी गलती का अहसास हुआ तो तीनों की जमानत करवाई गई। जमानत मिलने के बाद अब तीनो भाई न्याय के लिए अदालत पहुंचे हैं। पीड़ित तीनों भाई एसडीएम, तहसीलदार और एक अन्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। कानून के जानकारों का कहना है कि बिना अपराध जेल भेजने का यह दुर्लभ से दुर्लभतम मामला है। जिसके पास अधिकार है वो कानून से परे जाकर लोगों को किस तरह परेशान कर सकता है इसका जीता जानगता उदाहरण है। इस मामले में राजस्व अमले की तानाशाही उजागर भी हो रही है। मामलपा शाहपुर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय का है।

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