शिवम मिश्रा, रायपुर। किशोर पैकरा हत्याकांड मामले में दिल्ली से गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी एडवोकेट अंकित उपाध्याय और उसकी पत्नी शिवानी शर्मा को लेकर पुलिस की टीम रायपुर पहुंच गई हैं। दोनों को विस्तारा फ्लाइट से रायपुर एयरपोर्ट पर लाया गया, जहां क्राइम ब्रांच की टीम पहले से मौजूद थी। जानकारी के अनुसार, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी दोनों से पूछताछ करेंगे।

एक और वीडियो आया सामने: लिफ्ट से शव ले जाते दिखे आरोपी

जांच के दौरान पुलिस के हाथ एक और सीसीटीवी फुटेज लगा है, जिसमें आरोपी अंकित उपाध्याय और एक अन्य युवक बिल्डिंग की लिफ्ट से स्टील ट्रंक को नीचे ले जाते साफ दिखाई दे रहे हैं। यह वही ट्रंक है जिसमें किशोर पैकरा का शव सीमेंट से सील करके रखा गया था। यह वीडियो हत्या की पूर्व योजना और क्रियान्वयन की स्पष्ट पुष्टि करता है। इससे यह भी सिद्ध होता है कि हत्या के बाद शव को छिपाने की पूरी तैयारी पहले से की गई थी।

जानिए क्या है पूरा मामला?

सूत्रों के अनुसार, मृतक की पहचान किशोर पैकरा (उम्र 60 वर्ष), निवासी एचएमटी चौक, हांडीपारा के रूप में हुई थी, जो शारीरिक रूप से अक्षम था और व्हीलचेयर पर चलता था। मोहदी गांव में स्थित किशोर पैकरा की जमीन का सौदा आरोपी वकील अंकित उपाध्याय द्वारा कराया गया था। जमीन की बिक्री 50 लाख रुपये में हुई थी, लेकिन किशोर को केवल 30 लाख रुपये ही दिए गए। जब किशोर को इस धोखाधड़ी की जानकारी मिली तो उसने 20 में से 10 लाख रुपये की मांग की, जिसके बाद आरोपी दंपति ने उसे रास्ते से हटाने की योजना बनाई।

सूटकेस में भरकर की गई लाश की पैकिंग

जांच में सामने आया कि पहले किशोर की गला रेतकर हत्या की गई, फिर सोमवार सुबह उसके शव को लाल रंग के सूटकेस में बंद कर, सीमेंट भरकर पैक किया गया और अंत में स्टील ट्रंक में डालकर इंद्रप्रस्थ कॉलोनी के सुनसान इलाके में फेंक दिया गया। दोपहर बाद से पूरे इलाके में बदबू इतनी फैल गई थी कि स्थानीय लोग शाम होते-होते दुर्गंध के स्रोत की तलाश में झाड़ियों की ओर पहुंचे। वहां एक बंद ट्रंक पड़ा देख उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी।

पुलिस मौके पर पहुंची और जब ट्रंक को खुलवाया गया, तो उसके अंदर एक सूटकेस में ठूंसी हुई सड़ी-गली लाश मिली। प्रारंभिक जांच में फोरेंसिक टीम ने बताया कि हत्यारों ने लाश को सड़ने से होने वाली दुर्गंध को रोकने के लिए सूटकेस में मोटा सीमेंट प्लास्टर किया था। यह मामला हाल ही में उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुई घटना से मेल खाता है, जहां एक महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या की थी और शव को सीमेंट से भरे प्लास्टिक ड्रम में डालकर ठिकाने लगाने की कोशिश की थी।

ट्रंक की दुकान और CCTV फुटेज से पुलिस को मिले सुराग

घटना की जांच के दौरान पुलिस को ट्रंक पर ‘हब्बू भाई’ नाम की मार्किंग दिखाई दी। इसी आधार पर पुलिस गोलबाजार में पेटी लाइन स्थित शब्बीर स्टील ट्रंक फैक्ट्री (हब्बू भाई की दुकान) पहुंची, जहां दुकानदार ने बताया कि कुछ दिन पहले एक महिला और एक पुरुष ने वही ट्रंक खरीदा था। पास ही स्थित एक दुकान के CCTV कैमरे की फुटेज खंगालने पर स्पष्ट दिखाई दिया कि दोनों ट्रंक को ई-रिक्शा में लोड कराकर ले जा रहे हैं।

आगे जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी इंद्रप्रस्थ कॉलोनी फेज-2 में ही रहते हैं। कॉलोनी के मुख्य गेट पर लगे CCTV कैमरे में यह दृश्य दर्ज है कि वही ट्रंक बाद में एक आल्टो कार (CG 04 B 7700) की डिक्की में रखा गया था, जो कॉलोनी से बाहर निकल रही थी। इस दौरान एक महिला सफेद रंग की मोपेड से कार के पीछे चलती दिखाई दी। इन फुटेज के आधार पर पुलिस ने आरोपी दंपति को दिल्ली से गिरफ्तार किया है।

प्रॉपर्टी डीलरों से भी हो रही पूछताछ

क्राइम ब्रांच ने मामले में दो प्रॉपर्टी डीलरों को भी हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ जारी है। आशंका जताई जा रही है कि इन डीलरों की भूमिका भी सौदे या साजिश में हो सकती है।

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