चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी भाई बलवंत सिंह राजोआना की शीघ्र रिहाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया. सुखबीर सिंह बादल ने पीएम नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए राजोआना की शीघ्र रिहाई की मांग की है, ताकि 2019 में गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व समारोह की पूर्व संध्या पर 8 सिख कैदियों को रिहा करने के लिए सिख समुदाय से किए गए वादे को पूरा किया जा सके. ऐसे सभी सिख कैदियों की रिहाई का आह्वान करते हुए शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप करने और सक्षम प्राधिकारी के साथ भाई राजोआना की क्षमादान के मामले में तेजी लाने का आग्रह किया, ताकि उन्हें दी गई मौत की सजा को कम किया जा सके और उनकी जल्द से जल्द रिहाई सुनिश्चित की जा सके.
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राजोआना की मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग
केंद्र सरकार ने 2019 में भाई राजोआना की मौत की सजा को मानवीय आधार पर आजीवन कारावास में बदलने की मंजूरी दी थी. सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी को तत्काल ध्यान आकर्षित करना चाहिए, क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत एक क्षमादान याचिका, जो कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) द्वारा 25 मार्च 2012 को दायर की गई थी, अभी भी राष्ट्रपति के पास लंबित है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 30 अप्रैल तक उनकी दया याचिका पर फैसला लेने के लिए केंद्र सरकार को नोटिस भी जारी किया था. सुखबीर बादल ने अपनी इस अपील के साथ जोर देकर कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री इस बात को मानेंगे कि भाई राजोआना को ऐसे में सलाखों के पीछे रखने का कोई औचित्य नहीं है, जब केंद्र सरकार ने उनकी मौत की सजा को कम कर दिया है.
26 साल से जेल में बंद हैं राजोआना
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि सिख कैदी पहले ही 26 साल के लिए जेल में बंद रहे हैं, जो कि आजीवन कारावास की प्रभावी अवधि से काफी लंबा समय है. शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह भी बताया कि शिअद ने केंद्र को एक प्रस्ताव सौंपा था, जिसमें भाई राजोआना की मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने और बाद में उनकी रिहाई के लिए अनुरोध किया गया था.
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