सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा कलेक्ट्रेट में पदस्थ बाबू और पटवारी ने नौकरी लगवाने के नाम पर बेरोजगारों से 45 लाख रुपए की ठगी की थी. इस खबर को लल्लूराम डॉट कॉम ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिस पर कलेक्टर ने संज्ञान लिया और जांच कमेटी का गठन किया था. अब जांच में दोषी पाए जाने पर कलेक्टर विनीत नंदनवार ने बाबू एम सामराजू और पटवारी संजू सोरी को निलंबित कर दिया है.
दरअसल राजस्व विभाग और अन्य सरकारी संस्थानों में नौकरी लगाने के नाम पर 40 बेरोजगारों से 45 लाख से भी ज्यादा की ठगी हुई है. जबकि विभागों में नौकरी के लिए कोई वैकेंसी और विज्ञापन नहीं निकाला गया था. बावजूद इसके युवओं के भोलेपन का फायदा उठाया गया. ठगी का शिकार हुए लोगों का आरोप है कि सुकमा कलेक्टोरेट के भू-अभिलेख शाखा में सलंग्न बाबू एम सामराजू और पटवारी संजू सोरी ने उनके साथ धोखाधड़ी की है.
आरोप है कि उनसे बाबू और पटवारी ने नौकरी लगवाने का वादा कर पैसे ले लिए. एक साल बाद भी उन्हें नौकरी नहीं मिली. अब बाबू और पटवारी से पैसे वापस लेने के लिए चक्कर लगा रहे हैं. ठगी का शिकार हुए युवा केवल सुकमा जिले के ही नहीं हैं. पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि पटवारी संजू सोरी ने सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर बिलासपुर, रायपुर, कांकेर, चारामा और कोंंण्डागांव जिले के युवक-युवतियों को अपना शिकार बनाया है.
जबकि राजस्व विभाग में अब तक न कोई वैकेंसी निकली और न ही विज्ञापन जारी हुआ है. बावजूद इसके बाबू और पटवारी ने मिलकर बेरोजगार युवकोंं को बेवकूफ बनाया है. इतना ही नहीं कलेक्टोरेट में कार्यरत दूसरे बाबूओं के रिश्तेदार भी ठगी का शिकारत हुए हैं. पटवारी संजू सोरी ने नौकरी लगाने के नाम पर युवकों से एक लाख से डेढ़ लाख रुपए तक वसूले हैं. कलेक्टोरेट के भू-अभिलेख शाखा में सलंग्न बाबू एम सामराजू भी इस खेल में शामिल है.
पटवारी संजू सोरी ने नौकरी और पदस्थापना के नाम पर अलग-अलग राशि ली है. युवकों ने बताया कि एसबीआई का खाता क्रमांक 38508121892 में रकम ट्रांसफर किया हैं. जो पटवारी की करीबी चंदेश्वरी पोयाम के नाम है. बैंक स्टेटमेंट के अनुसार चंदेश्वरी पोयाम के खाते में कुल साढ़े 9 लाख रुपए डाले गए हैं. अधिकांश युवकों ने नगद भी दिए हैं. वहीं पत्नी मधु सोरी के खाते में पदस्थापना के नाम पर 10 से 20 हजार रुपए लिए हैं.
छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में नवगठित 22 तहसील कार्यालय में प्रति तहसील 14 पदों के मान से 308 पदों के सृजन करने की स्वीकृति दी थी. इसी का फायदा उठाकर पटवारी संजू सोरी ने युवाओं को सहायक ग्रेड-03 और भृत्य में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी की. प्रदेश के अलग-अलग जिलोंं से कितने युवा ठगी का शिकार हुए हैं. इसका सही आंकड़ नहीं मिल पा रहा है. स्थानीय युवकों के अनुसार मामला उजागर होने के बाद ही सही आंकड़ा सामने आएगा. पीड़ित युवाओं ने आज कलेक्टर विनीत नंदनवार से पूरे मामले की शिकायत की थी. जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है.
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