शिवा यादव, दोरनापाल – राजधानी रायपुर के मेडिकल काॅलेज के आॅडिटोरियम में जिस वक्त मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह कह रहे थे कि सरकार 2022 तक माओवादियों  को समाप्त कर लेगी, ठीक उस वक्त बस्तर के सुदूर और धुर नक्सल प्रभावित इलाके चिंतागुफा में पहली बार कोई एसपी ग्रामीणों की बैठक लेकर सुरक्षा बलों के साथ उनकी दूरियों को कम करने में लगे थे. ये पहल बताती है कि माओवादियों को खत्म करने की दिशा में यह एक सार्थक पहल साबित हो सकती है.

सुकमा जिले के इतिहास में यह पहला मौका भी रहा, जब किसी एसपी ने माओवादियों के गढ़ में जाकर ग्रामीणों से चर्चा की हो. सुकमा के एसपी अभिषेक मीणा ने ना केवल ग्रामीणों से चर्चा कर लौटे, बल्कि ये अधिकार भी ग्रामीणों को दिया कि वह जब चाहे उनसे फोन पर बातचीत कर सकते हैं. ग्रामीणों ने एसपी से हुई चर्चा में अपनी पीड़ा को खुलकर बयां किया. सीआऱपीएफ के जवानों द्वारा पिटाई किए जाने की शिकायत भी की.  बैठक के दौरान ग्रामीणों ने एसपी से सीआरपीएफ जवानों के खिलाफ खुलकर शिकायत दर्ज कराई. ग्रामीणों ने एसपी मीणा को बताया कि सुरक्षा बलों के जवान घरों में घुसकर पिटाई करते हैं. नाराज ग्रामीणों ने एसपी ने ऐसे जवानों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की भी मांग की है. एसपी अभिषेक मीणा ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि भविष्य में ऐसी स्थिति ना बने, इसके लिए जवानों को निर्देशित किया जाएगा.

दरअसल हाल ही में बुर्कापाल नक्सल हमले में शामिल पोड़ियम पंडा ने आत्म समर्पण किया था. पोडियम पंडा की छवि नक्सलगढ़ कहे जाने वाले इलाके में साफ सुथरी और इमानदार छवि की तरह मानी जाती है. लिहाजा पंडा के बुलावे पर दर्जनों गांव के हजारों ग्रामीण सुकमा एसपी की बैठक में शामिल होने चिंतागुफा पहुंचे. एसपी अभिषेक मीणा ने ग्रामीणों से मुलाकात की. उन्होंने खुद एक-एक ग्रामीण के पास जाकर मुलाकात की और हालचाल जाना. इसके बाद पोटा केबिन कैंपस में सभी ग्रामीणों की बैठक ली. 

एसपी बोलते रहे हिन्दी पूर्व माओवादी ने किया अनुवाद

सुकमा एसपी अभिषेक मीणा हिन्दी में अपनी बात करते रहे और पोडियम पंडा गोंडी में उसका अनुवाद कर ग्रामीणों से बातचीत साझा करता रहाय पंडा को अपने बीच देख ग्रामीण काफी खुश भी नज़र आए. पंडा सरेंडर करने के बाद से ही पुलिस के साथ रह रहा है . पंडा की निशानदेही पर कई बार पुलिस ने बड़े आॅपरेशन लांच किया है, जिसमें पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. जानकारों का कहना है कि पोडियम पंडा पुलिस के लिए नक्सल विरोधी अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

 

दूरियां कम होगी- अभिषेक मीणा

इधर सुकमा एसपी अभिषेक मीणा ने कहा कि इस तरह की बैठक के जरिए ग्रामीणों और जवानों के बीच की दूरियां कम होती है. सुरक्षा बलों और ग्रामीणों के बीच बेहतर संबंध बनते हैं. इन्हीं उद्देश्यों के साथ ऐसी बैठकें आयोजित की जाती है. एसपी ने कहा कि ग्रामीणों ने खुलकर अपनी बातें रखी है. उन्होंने कहा कि 7 सितंबर को चिंतागुफा में एक बार फिर बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें पुलिस के आला अधिकारियों के साथ प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल होंगे.