विक्रम मिश्र, सुल्तानपुर. स्पेशल जज एससी-एसटी एक्ट राकेश पाण्डेय की अदालत ने जानलेवा हमले और एससी-एसटी एक्ट के केस में मंगलवार को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किए गए आरोपी सोनू पाण्डेय के संबंध में क्षेत्राधिकारी कादीपुर की रिमांड अर्जी को निराधार मानते हुए खारिज कर दिया. अदालत का ये आदेश कल सामने आया. अदालत ने विवेचक विनय गौतम की कार्यशैली पर कड़ी टिप्पणी करते हुए आरोपी को राहत पाने का हकदार माना. कोर्ट ने सोनू पाण्डेय को जांच में सहयोग करने की शर्त के साथ 30 हजार के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया है.

दोस्तपुर थाने किशनागर गांव के रहने वाले वादी मुकदमा राना ने बीते 5 जुलाई की घटना को लेकर स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज कराया. वादी के आरोप के मुताबिक गांव के ही रहने वाले आरोपी सोनू पाण्डेय, अनिल पाण्डेय, प्रदीप पाण्डेय और संदीप पाण्डेय ने बच्चों के विवाद को लेकर जानलेवा हमला किया और जातिसूचक अपशब्द कहते हुए धमकी दी थी. इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया. मामले की तफ्तीश की जिम्मेदारी सीओ कादीपुर विनय गौतम को मिली. जिन्होंने मामले में नामजद आरोपी सोनू पाण्डेय को गिरफ्तार किया. उन्होंने रिमांड स्वीकार करने की मांग को लेकर सोनू को अदालत में पेश किया था.

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सीओ विनय गौतम रिमांड पर सुनवाई के दौरान गिरफ्तारी की वजह नहीं बता सके. कोर्ट के जरिये पूछे जाने पर वे आवश्यक साक्ष्य पेश नहीं कर पाए. लिहाजा रिमांड पर सुनवाई के दौरान कोई ठोस साक्ष्य नहीं पेश कर पाने की वजह से अदालत ने मामले में संज्ञान लेते हुए विवेचक की रिमांड अर्जी खारिज करते हुए आरोपी को राहत दे दी.