टोक्यो पैरालिंपिक (Tokyo Paralympics) खेलों में सोमवार को जैवलिन थ्रो के खिलाड़ी सुमित अंतिल ने देश को दूसरा गोल्ड मेडल दिलाया. सुमित ने जैवलिन थ्रो की F64 कैटेरी में वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल अपने नाम किया.
इसी इवेंट में हिस्सा ले रहे भारत के दूसरे एथलीट संदीप चौधरी चौथे स्थान पर रहे. यह भारत का टोक्यो पैरालिंपिक खेलों में दूसरा गोल्ड है. इससे पहले सोमवार को ही अवनि लेखरा ने शूटिंग में देश को टोक्यो में पहला गोल्ड मेडल दिलाया था.
सुमित ने यहां एक नहीं दो नहीं बल्कि तीन बार अपना ही वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ा. इस इवेंट में हर खिलाड़ी को छह अटेंप्ट दिए जाते हैं. सुमित ने पहले थ्रो में 66.95 मीटर की दूरी पर जैवलिन फेंका. इस थ्रो के साथ ही उन्होंने 2019 में दुबई में बनाए अपने वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ा . दूसरे थ्रो में उन्होंने 68.08 मीटर के थ्रो के साथ नया वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया. तीसरे और चौथे अटेंप्ट के थ्रो वर्ल्ड रिकॉर्ड से कम रहे. पांचवें अटेंप्ट में 68.55 मीटर के थ्रो के साथ उन्होंने दिन में तीसरी बार वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया.
सोनीपत के सुमित का सफर कठिनाइयों भरा रहा है. 6 साल पहले हुए सड़क हादसे में एक पैर गंवाने के बाद भी सुमित ने जिंदगी से कभी हार नहीं मानी और बुलंद हौसले से हर परिस्थिति का डटकर मुकाबला किया.
भारत ने पैरालिंपिक गेम्स में अब तक 2 गोल्ड, 4 सिल्वर और 1 ब्रॉन्ज समेत 7 मेडल जीते हैं. यह भारत का अब तक का सबसे सफल पैरालिंपिक बन गया है. इससे पहले 2016 रियो ओलिंपिक और 1984 ओलिंपिक में भारत ने 4-4 मेडल जीते थे.