भोपाल। मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 9 चीतों की मौत (Death of Cheetahs) के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि देश में चीतों के पुनर्वास में कुछ दिक्कतें हैं, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की दलीलें मानते हुए सुनवाई बंद कर दी. कोर्ट ने यह भी कहा कि भारत में चीतों को बसाने के प्रोजेक्ट (Cheetah Project) पर सरकार से सवाल पूछने का कोई कारण नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें केंद्र पर अविश्वास क्यों करना चाहिए ? वे कहते हैं कि वे कदम उठा रहे हैं. वे विदेशी विशेषज्ञों से परामर्श कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये केंद्र का विशेषाधिकार है कि वो विशेषज्ञों की राय को शामिल करे या नहीं. हम आग्रह करते हैं कि सरकार विशेषज्ञों की राय पर भी विचार करे. जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस प्रशांत मिश्रा की पीठ ने आदेश में कहा कि 11 एक्सपर्ट कमेटी काम कर रही है. इनमें चार विशेषज्ञ भी है.
केंद्र सरकार ने कहा कि चीतों के बाड़े का तापमान ज्यादा होना भी उनके लिए मुश्किल होता है. नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका के कम तापमान के मुकाबले यहां का तापमान ज्यादा रहता है. 1952 में देश में चीते विलुप्त घोषित कर दिए गए थे. चीतों को देश में फिर से बसाने की योजना के तहत विदेशों से चीतों को लाया गया है. नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 चीतों को कूनो लाया गया है. यहां चार शावकों का जन्म हुआ. इनमें से 6 चीतों और तीन शावकों की मौत हो चुकी है. इस मामले को लेकर एक याचिका दायर की गई थी.
कूनो नेशनल पार्क में एक और मादा चीते की मौत: बाड़े में मिली लाश, अब तक 6 चीते और 3 शावकों की गई जान
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2022 को कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आए आठ चीतों को जंगल में छोड़ा था. आठ नामीबिया और 12 चीता दक्षिण अफ्रीका से लाए गए थे. इसके साथ ही मादा चीता ने 4 शावकों को जन्म दिया था. इनमें 3 शावकों की मौत हो गई है. साथ ही पांच बड़े चीतों की मौत हो गई है. इस तरह अब तक 9 चीतों की मौत हो चुकी है. कूनो नेशनल पार्क में अभी 14 चीते बचे हैं.
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक