रायपुर। शराब घोटाला मामले में आरोपी अरुणपति त्रिपाठी को एक दूसरे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. हालांकि, इसके बाद भी उन्हें जेल में ही रहना होगा. यह भी पढ़ें : टूटा सपना : छत्तीसगढ़ को नहीं मिली 39वें नेशनल गेम्स की मेजबानी, IOA ने मेघालय को सौंपी जिम्मेदारी…

बता दें कि भूपेश सरकार के कार्यकाल में आबकारी विभाग के एमडी रहे अरुणपति त्रिपाठी 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा के शराब घोटाले के साथ-साथ मनी लॉंड्रिंग मामले में आरोपी बनाए गए हैं.

बीते एक साल से सलाखों में भीतर कैद अरुणपति बाहर निकलने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने पक्ष सुनने के बाद जमानत तो दे दी है, लेकिन शराब घोटाले में आरोपी होने की वजह से वे अभी कैद से बाहर नहीं निकल पाएंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने ED को लगाई फटकार

सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की सीनियर एडवोकेट मीनाक्षी अरोड़ा ने बेंच को बताया कि प्रकरण में संज्ञान हाईकोर्ट से रद्द हो चुका है. इस संबंध में हाई कोर्ट के आदेश की कॉपी भी पेश की गई. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने ईडी पर नाराजगी जताई.

अपीलकर्ता को एक सप्ताह के भीतर विशेष न्यायालय के समक्ष पेश होने के निर्देश दिए. साथ ही स्पेशल कोर्ट को पासपोर्ट जमा करने की शर्त सहित कड़ी शर्तों के अधीन उसे जमानत पर रिहा करने के निर्देश दिए. अपीलकर्ता को नियमित रूप से अदालती कार्यवाही में उपस्थित होने को भी कहा है.