नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड के एक दोषी की याचिका पर आज सुनवाई करेगा. इस मुजरिम ने इस मामले में उसके मृत्युदंड को बरकरार रखने के शीर्ष अदालत के 2017 के फैसले की समीक्षा करने की मांग की है.
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ अक्षय कुमार सिंह की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करेगी. उसके वकील ने यह दलील देते हुए दया की मांग की है कि दिल्ली में बढ़ते वायु एवं जल प्रदूषण के चलते वैसे ही आयु छोटी हो रही है.
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पीठ निर्भया की मां के वकील का पक्ष भी सुनेगी. निर्भया की मां ने (अक्षय की) इस अर्जी का विरोध करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया है. पिछले साल नौ जुलाई को शीर्ष अदालत ने तीन अन्य दोषियों– मुकेश (30), पवन गुप्ता (23) और विनय शर्मा (24) की पुनर्विचार याचिकाएं यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि 2017 के फैसले की समीक्षा के लिए कोई आधार नहीं बनाया गया है. 16 दिसंबर, 2012 की रात को दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा के साथ छह लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया और उस पर नृशंस हमला किया था और उसे चलती बस से बाहर फेंक दिया था. उसकी 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी.
मामले के एक आरोपी राम सिंह ने यहां तिहाड़ जेल में कथित रूप से खुदकुशी कर ली. एक अन्य आरोपी किशोर था और उसे किशोर न्याय बोर्ड ने दोषी ठहराया था. उसे तीन साल तक सुधार गृह में रखने के बाद रिहा कर दिया गया था. शीर्ष अदालत ने 2017 में इस मामले के बाकी चार दोषियों को निचली अदालत और दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा सुनाये गये मृत्युदंड को बरकरार रखा था.