मेडिकल में दाखिले से जुड़ी NEET परीक्षा में गड़बड़ी के मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर नीट-यूजी 2024 को रद करने की मांग की गई. हालांकि कोर्ट ने परीक्षा रद्द करने की मांग को खारिज कर दिया. वहीं कोर्ट ने कहा कि काउंसलिंग भी रद्द नहीं की जाएगी.

NEET-UG रिजल्ट जारी होने के बाद से छात्रों का गुस्सा NTA पर फूट रहा है. मेडिकल स्टूडेंट्स ने परीक्षा आयोजित कराने वाली एजेंसी NTA पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. छात्रों का मानना है कि इस बार परीक्षा में कोई ना कोई गड़बड़ी हुई है. इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि 67 स्टूडेंट्स को फुल मार्क्स आए हैं. इसके अलावा एक ही सेंटर से कई टॉपर निकलना भी NEET को शक के घेरे में खड़ा कर रहा है, जिसको लेकर सोशल मीडिया और सड़कों पर स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट कर रहे हैं. NEET यूजी परीक्षा 2024 मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाल दी है. अब इस मुद्दे पर 8 जुलाई के बाद सुनवाई होगी.

NEET परीक्षा को लेकर NTA के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाओं की बौछार आ गई है. सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक मेडिकल छात्रों का आंदोलन जारी है. आज सुप्रीम कोर्ट में नीट परीक्षा को लेकर सुनवाई हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने काउंसलिंग पर रोक लगाने और री-एग्जाम के लिए इनकार कर दिया साथ ही अगली सुनवाई में NTA का पक्ष भी सुना जाएगा.

क्यों मचा है बवाल

बता दें कि चारों तरफ से NEET यूजी की परीक्षा फिर से कराने की मांग की जा रही है. आरोप लगाया गया है कि 6 परीक्षा केंद्रों पर वक्त जाया होने की भरपाई के लिए दिए गए कृपांक (ग्रेस मार्क) के कारण अंक बढ़ गए हैं जिससे अन्य अभ्यर्थियों के अवसर प्रभावित हुए हैं. ये केंद्र मेघालय, हरियाणा के बहादुरगढ़, छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा और बालोद, गुजरात के सूरत और चंडीगढ़ में हैं. मेडिकल प्रवेश परीक्षा का परिणाम 4 जून को घोषित किया गया था. उसके बाद से अभ्यर्थी अनियमितताओं सहित कई आरोप लगाते हुए नए सिरे से परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं. परीक्षा में 67 अभ्यार्थियों ने पहला स्थान प्राप्त किया था, जिनमें से 6 हरियाणा के एक ही केंद्र से थे. इस वर्ष परीक्षा के लिए रिकॉर्ड 24 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था.