Supreme court On ED: भारतीय रेलवे में कथित जमीन के बदले नौकरी घोटाले (Railways Land For Job Scam) से से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) को सुप्रीम कोर्ट से करारा झटका लगा है। कोर्ट ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के करीबी सहयोगी और व्यवसायी अमित कत्याल (Amit Katyal) को दी गई जमानत के खिलाफ ईडी की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है। सुनवाई के दौरान ईडी को फटकार लगाते हुए जस्टिस एम. एम. सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल की बेंच ने कहा, ‘मुख्य आरोपी खुले में घूम रहे हैं। सिर्फ छोटे लोगों के पीछे क्यों पड़े हैं? क्या आप उनसे डरते हैं? बाकी 11 आरोपियों को अब तक क्यों नहीं गिरफ्तार किया?’
शीर्ष अदालत ने कहा कि हम हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने के पक्ष में नहीं हैं। कोई बड़ा आरोपी गिरफ्तार नहीं हुआ है और मुख्य आरोपी भी खुले में घूम रहे हैं।
दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट ने 17 सितंबर 2024 को अमित कत्याल को जमानत दी थी और ईडी की पिक एंड चूज नीति की आलोचना की थी। कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया था कि बाकी किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया, जबकि कत्याल जांच में सहयोग कर रहे थे। इसके बावजूद उन्हें रांची जाने से पहले इंदिरा गांधी इंटरनैशनल एयरपोर्ट से अचानक गिरफ्तार किया गया। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ईडी ने उनकी गिरफ्तारी की कोई आवश्यकता नहीं बताई और यह स्पष्ट किया कि कत्याल की भूमिका अन्य आरोपियों की तुलना में बहुत कम थी, जिससे उन्हें जमानत का हकदार माना गया।
हाईकोर्ट ने क्या कहा था?
दरअसल, हाईकोर्ट ने पिछले साल 17 सितंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा अपनाई गई पक्षपाती नीति की निंदा की थी और कत्याल को जमानत दे दी थी। उच्च न्यायालय ने कहा था कि मामले में किसी अन्य आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने और जांच में शामिल होने के बावजूद रांची के लिए उड़ान भरने से पहले इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उन्हें बेवजह हिरासत में लिया गया। जमानत आदेश में कहा गया कि एजेंसी ने उनकी गिरफ्तारी की जरूरत नहीं बता पाई। कोर्ट इस आधार पर भी कत्याल को जमानत का हकदार माना कि उनकी भूमिका अन्य आरोपियों की तुलना में काफी कम थी।
ईडी की दलील
ईडी की दलील थी कि कत्याल ने राजद सुप्रीमो के कथित भ्रष्ट कामों से हुई आय को संभालने में लालू और उनके परिवार के सदस्यों की सक्रिय रूप से मदद की। ईडी ने दावा किया था कि कत्याल एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी का निदेशक था। इसी कंपनी ने लालू की ओर से उम्मीदवारों से जमीन खरीदी थी। आरजेडी सुप्रीमो के परिवार के कुछ अन्य सदस्य भी इस मामले में आरोपी हैं।
2023 में किया गया था अरेस्ट
अमित कत्याल, जिन्हें ईडी ने 10 नवंबर 2023 को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया था। उन्हें 10 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानतों पर रिहा किया गया। कत्याल ने समानता के आधार पर जमानत मांगी और कहा कि ईडी का भेदभावपूर्ण रवैया है। वहीं ईडी ने कहा कि कत्याल ने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और उनके परिवार के साथ मिलकर घोटाले से प्राप्त धन की हेराफेरी में सक्रिय भूमिका निभाई।
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