नई दिल्ली: डांस बार (Dance Bar) को लेकर महाराष्ट्र सरकार द्वारा बनाए गए कानून पर आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) अहम फैसला सुना दिया है. फैसले के मुताबिक मुंबई में दुबारा से डांस बार खुल सकेंगे. कोर्ट ने शर्तों के साथ डांस बार खोलने की इजाजत दे दी है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था. कोर्ट में सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र की फणनवीस सरकार ने कहा था कि नया कानून संवैधानिक दायरे में आने के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधियों और महिलाओं का शोषण भी रोकता है.
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कोर्ट के फैसले की अहम बातें
- महाराष्ट्र सरकार के कानूनों में बदलाव के साथ सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी
- सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि डांसर को अलग से टिप नहीं दी जा सकती है और ना ही डांसर पर पैसे उछाले जा सकते हैं.
- कोर्ट ने अश्लील डांस की परिभाषा बरकरार रखी है.
- कोर्ट ने बार डांसिग एरिया अलग रखने की शर्त खारिज कर दी है.
- डांसिग एरिया में सीसीटीवी का नियम रद
- मुंबई में रात 11.30 बजे तक ही खुले रह सकते हैं डांस बार
- डांस बार में अश्लीलता नहीं होनी चाहिए
इंडियन होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने राज्य सरकार के नए एक्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. अपनी सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कहा था कि समय के साथ अश्लीलता की परिभाषा भी बदल गई है और ऐसा लग रहा है कि मुंबई में मॉरल पुलिसिंग हो रही है.
कोर्ट ने कहा था कि जीविका कमाने का अधिकार हर सिकीस को है. आपको बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदी को हटा दिया था जिसके बाद सरकार ने नए लाइसेंस देने के लिए नियाम और कड़े कर दिए थे. नए कानून के अनुसार, बार सिर्फ शाम 6:30 से रात 11:30 तक ही खुल सकते हैं और राज्य में ऐसे किसी भी बार या होटल में शराब नहीं परोसी जाएगी जहां लड़कियां डांस करती हैं. नये नियमों के चलते बार मालिकों को दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है जिसके चलते उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया. अगस्त में हुई सुनवाई के दौरान जस्टिस एके सिकरी और जस्टिस अशोक भूषण की एक बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि वक्त के साथ अश्लीलता की परिभाषाएं भी बदलती रही हैं.