कोरोना काल में अभिभावकों ने भले अपने बच्चों को स्कूल न भेजा हो. लेकिन उन्हें फीस पूरी देनी पड़ेगी. ये फैसला सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में राजस्थान के अभिभावकों के लिए दिया है. जिससे लाखों अभिभावकों की उम्मीदों को झटका लगा है.

उच्चतम न्यायालय की डबल बेंच ने मामले की सुनवायी करते हुए यह फैसला दिया है कि राजस्थान के गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूल (Private schools) कोरोना संक्रमण के दौरान 2019-20 में लागू लॉकडाउन के समय की 100 फीसदी फीस वसूल सकते हैं. हालांकि इसके लिए कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लागू की है. (देखे वीडियो- किस अस्पताल में इस शर्त पर गर्भवती महिलाओं को ऑपरेशन के नहीं देने होंगे पैसे)

कोरोना काल के दौरान ऑनलाइन क्लासेज के दौरान अभिभावकों ने फीस में रियायत की मांग की थी, इसपर राजस्थान हाईकोर्ट ने राहत देते हुए फीस में छूट दी थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अब फीस का 100% भुगतान करना होगा. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अभिभावकों को पूरे साल की फीस को चुकाने के लिए थोड़ी राहत भी दी है, यह फीस 6 किस्तों में चुकाई जा सकेगी.

साल 2019-20 में तय फीस के हिसाब से देनी होगी फीस

कोर्ट के आदेशानुसार अब प्राइवेट स्कूल बढ़ी हुई फीस नहीं ले सकेंगे. 5 मार्च 2021 से छात्रों से सत्र 2019-20 में तय फीस के हिसाब से ही वसूली हो सकेगी. हालांकि पूर्व में महज ट्यूशन फीस का 70 फीसदी देना तय हुआ था लेकिन अब पूरी फीस चुकानी होगी.

दबाव नहीं बना सकेंगे स्कूल, परीक्षा या क्लासेज पर असर नहीं

कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी व्यवस्था दी है कि जो अभिभावक फीस नहीं दे पाये है उनके बच्चों को परीक्षा या क्लासेज से बेदखल नहीं किया जा सकेगा. स्कूल फीस वसूली के लिए उन पर अनावश्यक दबाव नहीं बना सकेंगे. कोर्ट ने स्कूलों को यह भी निर्देश दिए हैं कि किसी छात्र की फीस जमा नहीं होने पर उसे स्कूल से बेदखल नहीं किया जा सकेगा.