नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट से महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार को बड़ी राहत मिली है. सरकार बनाने के लिए राज्यपाल द्वारा दिए गए आमंत्रण के आदेश को रद्द करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार सुबह 10.30 बजे शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की ओर से दायर याचिका पर फैसला सुनाएगा.

सोमवार को करीब 2 घंटे इस मामले में अदालत में तीखी बहस छिड़ी जिसके बाद अदालत ने इस कल फैसले सुनाने का आदेश दिया है. बता दें कि एक तरफ एनसीपी-कांग्रेस और शिवसेना की ओर से मांग की जा रही थी कि 24 घंटे के अंदर फ्लोर टेस्ट किया जाए.

सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र भाजपा की ओर से मुकुल रोहतगी ने कहा कि फ्लोर टेस्ट के लिए 14 दिन का समय दिया गया है, उचित समय 7 दिन हो सकता है. इससे पहले कपिल सिब्बल ने कहा कि फ्लोर टेस्ट 24 घंटे में होना चाहिए. वहीं सिंघवी ने कहा कि जब दोनों दल फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं, तो देरी क्यों होनी चाहिए? इस मामले की जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच में सुनवाई हुई.

एनसीपी और कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जब दोनों दल फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं, तो देरी क्यों होनी चाहिए? क्या एनसीपी का एक भी विधायक यहां कहता है कि हम भाजपा के गठबंधन में शामिल होंगे?

तीन विधायक लौटे वापस

वहीं शरद पवार की एनसीपी के तीन विधायक वापस गुरुग्राम से मुंबई लौट गए हैं. कांग्रेस और एनसीपी नेताओं ने इन तीनों विधायकों को अपने कब्जे में ले लिया है. एक विधायक ने दावा किया है कि उन्हें गुरुग्राम के ओबरॉय होटल में बंधक बनाकर रखा गया था. जहां बाऊंसर भी तैनात थे.

इन तीन विधायकों के वापस आने के बाद अब एनसीपी 54 में से 52 विधायकों का साथ आने का दावा कर रही है. इससे पहले बताया जा रहा था कि एनसीपी के पांच विधायक लापता हैं. लेकिन अब इन विधायकों में से तीन विधायक अनिल पाटिल, दौलतसदरोड् और नितिन पवार मुंबई लौट आए हैं.