दिलशाद अहमद, सूरजपुर। प्रकाश इंडस्ट्रीज के कोयला खदान परियोजना को लेकर भास्करपारा क्षेत्र में ग्रामीणों और सरपंच के बीच जारी विवाद अभी भी शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। इस क्रम में आज बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर नरेंद्र साहू और हेमंत राजवाड़े के खिलाफ दर्ज FIR को गलत बताया और उनके समर्थन में अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक को ज्ञापन सौंपा।

ग्रामीणों का कहना है कि भास्करपारा में प्रकाश इंडस्ट्रीज की कोल माइनिंग के सामने एक फर्जी ग्राम सभा प्रस्ताव जारी करने को लेकर उनका आंदोलन था। इसी दौरान सरपंच रामधीन के साथ उनका विवाद हुआ। विवाद बढ़ने के बाद रामधीन ने अजाक थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि नरेंद्र साहू और हेमंत राजवाड़े ने उनके साथ गाली-गलौज और मारपीट की। इसके बाद पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया।

हालांकि, इस पर नाराज ग्रामीणों ने कहा कि मामला पूरी तरह से गलत रिपोर्ट पर आधारित है। उन्होंने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर कहा कि अगर इन दोनों पर कोई कार्रवाई की जाती है, तो वे धरना प्रदर्शन पर उतरने को मजबूर होंगे।

सूरजपुर के एडिशनल एसपी संतोष महतो ने बताया कि रामधीन की तरफ से दर्ज शिकायत में मारपीट और एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा लंबित है। आज नरेंद्र साहू और हेमंत राजवाड़े के समर्थकों ने ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन्होंने कहा कि रिपोर्ट गलत है और मामले की बारीकी से जांच कराई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जांच गंभीरता से की जाएगी और तथ्य स्पष्ट होने पर ही कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों का कहना है कि जिस ग्राम सभा प्रस्ताव को फर्जी बताया गया, वह वास्तव में सरासर फर्जी है। उन्होंने बताया कि वे 14 और 15 सितंबर को धरना प्रदर्शन कर रहे थे ताकि सही प्रस्ताव का पता लगाया जा सके। अंततः 15 सितंबर को तहसीलदार के माध्यम से उन्हें प्रमाणित ग्राम सभा का दस्तावेज मिला।
ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य नरेंद्र साहू और हेमंत राजवाड़े के खिलाफ लगाए गए आरोपों को निरस्त कराना है। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो वे कानून के तहत धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। इस मामले में पुलिस की जांच जारी है और आगामी दिनों में इस विवाद के समाधान की उम्मीद जताई जा रही है।
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