रायपुर। राजधानी में नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के फरार आरोपी मोहम्मद इशहाक खान ने बुधवार को जिला न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया. आत्मसमर्पण किए आरोपी को न्यायालय ने तीन दिन की रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया है. जहां पुलिस आरोपी से शहरी नेटवर्क को लेकर पूछताछ करेगी.
मामला 2012 का है पुलिस को राजधानी में नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के सक्रिय होने की खफिया सूचना सुकमा पुलिस से मिली थी. सूचना के आधार पर टिकरापारा और राजेन्द्र नगर थाना की पुलिस ने दबिश देकर अलग-अलग स्थानों से 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था उनमें कोंटा निवासी निलंबित शिक्षक एच अब्दुल मुजीब को रावणभाटा और कोंटा निवासी अंजली चौहान को 12 जून 2012 को सरोना रेलवे स्टेशन के पास से सुबह चार-साढ़े चार बजे के आस-पास गिरफ्तार किया गया था.
पुलिस का दावा था कि अब्दुल मुजीब के पास से पुलिस को AK47 के 80 और एसएलआर के 130 जिंदा कारतूस के साथ ही 25 हजार रुपए नगद व एक पत्र बरामद किया था. वहीं अंजली चौहान के पास से पुलिस ने 60 जिंदा कारतूस और तकरीबन 4 हजार रुपए बरामद किया था वहीं 13 जून 2012 सुकमा जिले के कोन्टा निवासी शेख अनवर को और 14 जून को हर्देश कुमार जगदलपुर निवासी को गिरफ्तार किया था.
सभी आरोपियों के खिलाफ सालों तक न्यायालय में मामला चलता रहा लेकिन पुलिस के कमजोर सबूतों की वजह से न्यायालय ने सभी चारों आरोपियो को आरोपों से बरी कर दिया था.
मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ में इशहाक खान का नाम भी सामने आया था लेकिन पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर पाती इससे पहले ही वह फरार हो गया था. जिसने बुधवार को रायपुर न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया. आरोपी के आत्मसमर्पण करने की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में पुलिस बल कोर्ट में तैनात कर दिया गया था.