रायपुर. छत्तीसगढ़ क्वांटिफायबल डाटा आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ में अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों का सर्वेक्षण किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ क्वांटिफायबल डाटा आयोग के सचिव बी.सी. साहू से प्राप्त जानकारी के अनुसार 28 मार्च तक राज्य के विभिन्न जिलों में किए गए सर्वेक्षण के अनुसार ओबीसी की संख्या 1 करोड़ 18 लाख 5 हजार 184 है, जो वर्ष 2021 की जनसंख्या के मान से 38.06 प्रतिशत है. इसी प्रकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की जनसंख्या 10 लाख 30 हजार 309 है, जो वर्ष 2021 की अनुमानित जनसंख्या के मान से 3.4 प्रतिशत है. वर्ष 2011 की प्रदेश की कुल जनसंख्या 2 करोड़ 57 लाख 36 हजार 032 है और वर्ष 2021 की अनुमानित जनसंख्या 3 करोड़ 5 लाख 74 हजार 656 है.

आयोग द्वारा सर्वेक्षण में गति लाने माह सितंबर 2021 से माह मार्च 2022 तक लगातार राज्य के विभिन्न जिलों में जा कर और वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सर्वेक्षण के कार्य की समीक्षा की गई और भ्रमण के दौरान जिले के स्थानीय पिछड़ा वर्ग समाज के प्रमुख और जनप्रतिनिधिगण से चर्चा भी की गई.

ऑनलाईन सर्वेक्षण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के सर्वेक्षण के लिए पंचायत विभाग और नगरीय क्षेत्रों के सर्वेक्षण के लिए नगरीय प्रशासन विभाग को नोडल विभाग बनाया गया. दोनों विभाग से एक-एक अधिकारी राज्य नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. इसी प्रकार समस्त जिलों में भी ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों के लिए एक-एक जिला नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए. सर्वेक्षण के प्रशासनिक नियंत्रण के लिए जिला स्तर, नगरीय क्षेत्र स्तर पर समिति का गठन किया गया है. जिसमें संबंधित जिला के कलेक्टर को सर्वेक्षण समिति का अध्यक्ष मनोनित किया गया है.

शासन के निर्देशों के पालन में सर्वेक्षण के लिए अनुसूचित क्षेत्रों के दो पंचायत पर एक और मैदानी क्षेत्रों पर चार पंचायत पर एक-एक सुपरवाईजर नियुक्त किया गया. इस सर्वेक्षण के लिए नगरीय क्षेत्रों में कुल 159 निकाय क्षेत्रों के लिए कुल 1103 सुपरवाईजरों और 11 हजार 646 ग्राम पंचायत क्षेत्रों के लिए कुल 4 हजार 446 सुपरवाईजरों इस प्रकार कुल 5 हजार 549 सुपरवाईजरों के माध्यम से सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है.

राज्य की जनसंख्या में अन्य पिछड़े वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के सर्वेक्षण के लिए छत्तीसगढ़ क्वांटिफायबल डाटा कमीशन का गठन किया गया. सर्वेक्षण और डाटा संग्रहण का कार्य के लिए चिप्स के तकनीकी सहयोग से उनके द्वारा तैयार पोर्टल, मोबाईल एप्प के माध्यम से सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है. इस पोर्टल, मोबाईल एप्प के माध्यम से राज्य के राशन कार्ड के अनुसार अन्य पिछड़ा वर्ग के उपलब्ध डाटा को लक्ष्य-आधार मानते हुए ऑनलाईन सर्वेक्षण का कार्य किया जार रहा है. अन्य पिछड़े वर्ग के सर्वेक्षण के साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों का भी सर्वेक्षण भारत सरकार के मापदण्डों के अनुसार इसी पोर्टल के माध्यम से किया जा रहा है.