जशपुर। उत्तर प्रदेश के हाथरस में रेप पीड़िता की मौत के बाद पूरे देश में आक्रोश है. वहीं छत्तीसगढ़ के जशपुर में भी एक दुष्कर्म पीड़िता की संदिग्ध मौत का मामला सामने आया है. अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नन्दकुमार साय ने आज दुष्कर्म पीड़िता के गांव पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया और इस मामले में हत्या को आत्महत्या बताकर मामले को दबाने की कोशिश का आरोप लगाया.

दरअसल, अगस्त माह में सोनक्यारी चौकी निवासी एक कोरवा युवती का दूसरे समाज के युवक से प्रेम संबंध था. इसी दौरान युवती 7 माह की गर्भवती हो गई. जिसको लेकर गांव में 27 अगस्त को बैठक रखी गई. बैठक में गर्भवती युवती को आरोपी के साथ शादी करने की बात पर चर्चा हुई, लेकिन युवक के पिता ने युवती को अपनी बहू बनाने से इंकार कर दिया.

इससे आहत युवती और उसके परिजन मामले की शिकायत करने थाने जा रहे थे. तभी मामले की जानकारी पर आरोपी पक्ष के लोग युवती के घर पहुंचे और उसे बहू बनाकर अपने घर ले जाने को तैयार हो गए. जिसके बाद युवती को आरोपी पक्ष के लोग अपने घर ले गए. लेकिन अगली सुबह गांव से एक किलोमीटर दूर एक पेड़ पर युवती का शव लटका हुआ मिला. जिसकी शिकायत परिजनों ने थाने में की थी. परिजनों का आरोप है कि मृतका ने खुदकुशी नहीं की, उसकी हत्या की गई है, लेकिन पुलिस इस मामले को आत्महत्या बता रही है.

अब इस मामले को लेकर जिले भर में प्रदर्शन शुरू हो गया है. मामले को लेकर भाजपा और जनजातीय सुरक्षा मंच जिले भर में प्रदर्शन कर रही है, वहीं राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष नंदकुमार साय पीड़िता के गांव पहुंचे और गांव से दूर जंगल जिस जगह पर मृतका का शव फांसी पर मिला था. वहां पहुंचे और घटनास्थल का जायजा लिया.

नंदकुमार साय का आरोप है कि मृतका के हाथ पैर में सूजन थी, जिसके वजह से वो पैदल चल फिर नहीं पा रही थी, ऐसी स्थिति में गांव से एक किलोमीटर दूर पहाड़ में 12 फीट ऊंचे पेड़ पर चढ़कर वो कैसे फांसी लगा सकती है. नंदकुमार साय ने इस मामले में एसआईटी का गठन कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है. वहीं मृतका के परिजनों ने दोषियों को फांसी की सजा की मांग की है.

वहीं पुलिस के मुताबिक, इस मामले में धारा 376-306 पाक्साे एक्ट के तहत कार्यवाही की गई है. मामले में एक आराेपी गिरफ्तार किया जा चुका है.