नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा से निलंबित बीजेपी के सात विधायकों ने फैसले को चुनौती देते हुए सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया. कोर्ट ने मामले को आज सुनवाई के लिए तत्काल सूचीबद्ध करने की अनुमति दी. विधायकों के खिलाफ 16 फरवरी को यह कार्रवाई उपराज्यपाल( एलजी) के अभिभाषण के दौरान कार्यवाही में बार-बार बाधा डालने के आरोप में की गई थी.

दिल्ली विधानसभा में बृहस्पतिवार को उपराज्यपाल के अभिभाषण के दौरान हंगामा करने वाले भाजपा के सात विधायकों का मामला विशेषाधिकार समिति के पास भेजा. समिति की रिपोर्ट आने तक विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा के सात विधायकों को निलंबित कर दिया. अब सदन में केवल नेता प्रतिपक्ष भाजपा के विधायक के तौर पर मौजूद हैं.

नियमों का हवाला देते हुए उन्होंने तर्क दिया कि विधायकों का निलंबन अधिकतम तीन दिनों के लिए हो सकता है, लेकिन यहां तो सस्पेंशन अनिश्चितकाल के लिए है. दिल्ली विधानसभा में बीजेपी के आठ विधायक हैं. जिनमें से सात को 16 फरवरी को निलंबित कर दिया गया.

विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने तभी कहा था कि वे स्पीकर के इस फैसले को कोर्ट में चुनौती देंगे. उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा है कि आप के 62 विधायकों का समर्थन होते हुए भी उनको बीजेपी के 8 विधायकों से डर लगता है.

इन विधायकों पर ऐक्शन

स्पीकर राम निवास गोयल ने दिलीप पांडे के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने की बात कही. समिति की रिपोर्ट आने तक नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी को छोड़कर बीजेपी के सात सदस्यों को सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया. निलंबित सात विधायकों में मोहन सिंह बिष्ट, अजय महावर, ओपी शर्मा, अभय वर्मा, अनिल वाजपेयी, जीतेंद्र महाजन और विजेंद्र गुप्ता शामिल हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें सदन के कक्ष से बाहर जाने के लिए कहा.