रायपुर- फोन टेपिंग मामले के आरोपी निलंबित आईपीएस अधिकारी मुकेश गुप्ता आज दोबारा ईओडब्ल्यू के मुख्यालय पहुंचे. उन्होंने आज ही बयान दर्ज कराने की मांग यह कहते हुए कि मुझे हाईकोर्ट में और भी केस लगाने हैं, लिहाजा आज ही बयान लिया जाए. हालांकि ईओडब्ल्यू ने 26 अप्रैल को उन्हें बयान के लिए बुलाया है. इधर मुकेश गुप्ता ने मीडिया से बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि ईओडब्ल्यू की ओर से मुझे नोटिस नहीं मिलती थी. नोटिस मीडिया में दे दिया जाता है. उन्होंने कहा कि मुझ पर जो भी आरोप लगाए गए हैं, वह झूठे हैं.
मुकेश गुप्ता ने कहा कि इसी कार्यालय में रहकर मैंने करोड़ों रूपए के कई बड़े-बड़े मामले पकड़े हैं, जो छत्तीसगढ़ के इतिहास में कभी नहीं पकड़े गए. कई आरोपी छूटे हैं, उन्हें ही बचाने के लिए मेरे साथ यह सब किया जा रहा है. फोन टेपिंग से जुड़े सवाल पर मुकेश गुप्ता ने कहा कि जो फोन टेपिंग की गई है, उसे जस्टिफाई करने बैक डेट में कंपलेन ली गई है. फोन टेपिंग करने का मुझे अधिकार है. हजारों टेपिंग अभी भी हो रही है. कंपलेन की जरूरत ही नहीं है. कंपलेन का रजिस्टर कौन मेंटेन करता है. एक हवलदार. हवलदार मुझसे दस रैंक पीछे हैं. मेरे नेचर को लोग जानते हैं, एसपी भी मुझसे बात नहीं करते, तो हवलदार से क्या मैं बात करूंगा. मुकेश गुप्ता ने कहा कि- फोन टेपिंग के लिए एसीएस एन के असवाल के आदेश में दस्तखत हैं. चीफ सेक्रेटरी विवेक ढांड ने एप्रुव किया है. तो फिर कैसे फोन टेपिंग गलत हो सकता है. मुकेश गुप्ता ने आरोप लगाया कि मीडिया को गलत ढंग से फीड किया जा रहा है.
गौरतलब है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद ईओडब्ल्यू ने मुकेश गुप्ता को बयान के लिए नोटिस जारी किया था. नोटिस मिलने के बाद गुप्ता आज ईओडब्ल्यू के मुख्यालय पहुंचे थे. इस दौरान जांच अधिकारियों ने सारे प्रश्न आज नहीं पूछे. दलील ये थी कि जब जैसी जरूरत होगी, तब मुकेश गुप्ता को बुलाकर पूछताछ किया जाएगा. ईओडब्ल्यू ने 26 अप्रैल को उन्हें दोबारा पूछताछ के लिए तारीख दी थी, लेकिन मुकेश गुप्ता ने आज ही बयान दर्ज कराने की मांग की थी. यही वजह रही कि दोपहर 3 बजे ईओडब्ल्यू मुख्यालय से निकलने के बाद वह दोबारा 4 बजे मुख्यालय पहुंचे थे.
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