दुर्ग। गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की सत्यता सवालों के घेरे में आ गई है. जिस गोल्डन बुक के एशिया हेड ने दुर्ग में मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह सहित कई मंत्री और विधायकों की उपस्थिति में महिलाओं द्वारा किए गए सुवा नृत्य का विश्व रिकॉर्ड बन जाने घोषणा की थी और रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट सीएम व सरोज पाण्डेय को सौंपा था.

लेकिन अब उसी गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड के एशिया हेड मनीष विश्नोई ने सुवा महोत्सव को लेकर सनसनीखेज बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सुवा नृत्य का नाम गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज ही नहीं है. उनका कहना है कि अभी वहां उपस्थित लोगों की गिनती नहीं हुई है और जो सर्टिफिकेट दिया गया है वह प्रोविजनल है.

इसलिए उठने लगे सवाल

सवाल यह उठता है कि जब लोगों की गिनती ही नहीं हुई तो विश्व रिकॉर्ड बनाए जाने की घोषणा कैसे कर दी गई और तो और सर्टिफिकेट भी दे दिया गया. जबकि उस वक्त घोषणा करते हुए यह कहा गया था कि 10 हजार महिलाओं ने एक साथ सुवा नृत्य का रिकॉर्ड बनाया है. लेकिन जब सुवा नृत्य और रिकॉर्ड पर सवाल उठने लगे तो गोल्डन बुक के एशिया हेड का बयान खुद संस्था पर ही सवालिया निशान लगा रहा है.

आपको बता दें कि दुर्ग के रविशंकर स्टेडियम में भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव सरोज पाण्डेय द्वारा 29 अक्टूबर को सुवा नृत्य का आयोजन किया गया था. जिसमें जिले के अलावा दूसरे जिलों से भी महिलाओं को रिकॉर्ड बनाने लाया गया था. दावा किया जा रहा था कि 10 हजार से ज्यादा महिलाओं ने सुवा नृत्य किया था.

वहीं पूरा आयोजन भी सवालों के घेरे में आ गया है. जिसे सुवा नृत्य बताकर कथित विश्व रिकॉर्ड बनाने का दावा किया जा रहा था असल में बताया जा रहा है कि वहां सुवा नृत्य ही नहीं हुआ था.

गौरतलब है कि सुआ का नृत्य टोकरी में सुआ (तोता) और चांवल रखकर  महिलाए उसके चारो तरफ घूमकर सुआ गीत गाते हुए नृत्य करती हैं पर दुर्ग के रविशंकर स्टेडियम में ऐसा कुछ हुआ ही नहीं बावजूद संस्था ने सुआ की जाँच किये या उसे जाने बिना ही वर्ल्ड रिकार्ड दे दिया. छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति के जानने वाले इस रिकॉर्ड पर सवाल उठा रहे हैं उनका कहना है कि सुआ नृत्य जब हुआ ही नहीं तो कैसे इसे वर्ल्ड रिकॉर्ड दे दिया गया.

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