अमेठी. रामचरितमानस पर बयान देकर चर्चा में आए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने फिर एक बार बड़ा बयान दिया है. अमेठी के गौरीगंज ब्लाक के गढ़ामाफी गांव में आयोजित सम्राट अशोक मौर्य जन्मोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे सपा नेता ने कहा कि ढोल गंवार शुद्र, पशु, नारी शकल ताड़ना के अधिकारी, ये व्यवस्था खत्म होंनी चाहिए. मैंने इसके लिए प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को पत्र लिखा. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में भारत की पहचान भगवान बुद्ध से होती है. जो लोग सत्ता में बैठे है वो अपने आप को संविधान के ऊपर मानते हैं. मैं मनुस्मृति का विरोध करता हूं तो लोग कहते है कि मैं धर्म का विरोध करता हूं.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि कोई स्वामी प्रसाद मौर्य का सिर, जीभ काटने और हत्या करने के लिए लोगों को पैसा दे रहा है. सरकार ने ऐसा करने वालो को अभयदान दिया है, आज जाति और धर्म विशेष के लोगों के घरों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है. आज सरकार द्वारा बाप दादा के पुश्तैनी घरों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है. सपा महासचिव ने कहा कि 5-10 किलो चावल पर अपना वोट मत बेचना. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि साड़ी-धोती पैसे और दारू की बोतल के चक्कर में मत पड़ना.
सपा नेता ने कहा कि तेली, कुम्हार, भंगी, कोल, जायसवाल ये भी तो हिंदू हैं. ऐसा कौन सा धर्म है जो अपने ही धर्म वालों को नीच कहे. मेरे बयान पर लोगों के पेट मे बहुत दर्द हुआ. उन्हें लगा मैंने उनके घर में डकैती डाल दी हो, आज संविधान का गला घोंटा जा रहा है. सरकार ने अलग से हर जिले में एक लाख रुपये मानस का पाठ कराने के लिए क्यों दे दिया. वोट लेने के लिए दलित पिछड़ा और आदिवासी हिंदू और जब आरक्षण आता है सब इनको दुश्मन लगते हैं. प्रधानमंत्री कहते हैं हम भी पिछड़े हैं, आपने 340 आईएस बनाए, लेकिन उसमें एक भी दलित और पिछड़ा नहीं है.
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