लखनऊ. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सर संघचालक मोहन भागवत ने बरेली में कहा कि जाति का भेदभाव छोड़िए. हम सभी हिंदू हैं, जो दूसरी जातियां अलग-अलग धर्म अपनाए हुए हैं. उनके पूर्वज भी हिंदू थे. इस बयान पर सपा राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि ‘पहले मनुस्मृति और अन्य ग्रंथों को प्रतिबंधित करें, तब खत्म जाति व्यवस्था खत्म होगी.

स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस के बाद अब मनुस्मृति को लेकर उन्होंने कहा कि ‘जातिगत की जननी मनुस्मृति को प्रतिबंधित करें. संघ प्रमुख का बयान है-जाति व्यवस्था खत्म होनी चाहिए, यह कहने से नहीं होगा. पैदा हुई वर्ण व्यवस्था मनुस्मृति की देन है. ऐसे ही और ग्रंथ है, जो जाति व्यवस्था की देन है.’

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वहीं, एक ट्वीट में स्वामी मौर्य ने कहा कि ‘संघ प्रमुख जी, जब तक मुंह, बाहुं, जंघा और पैर से वर्ण पैदा करने वाले मनुस्मृति सहित अन्य तमाम ग्रन्थ रहेंगे तब तक जातियां रहेंगी और जब तक जातियां रहेंगी तब तक छुआछूत, ऊंचनीच, भेदभाव और असमानता भी रहेगा.यदि जातियां खत्म करनी ही हैं, तो पहले विषाक्त ग्रंथ और साहित्य प्रतिबंधित कराएं.’

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